महनार में लू लगने से दो लोगों की हुई मौत
महनार : महनार नगर के वार्ड नंबर सात में शुक्रवार को लू लगने से दो लोगों की मौत हो गयी. नगर के प्यासा गली निवासी कंचन कुमार जायसवाल उर्फ कल्लूजी को तीन दिन पूर्व लू लग गयी थी. शुक्रवार की सुबह महनार अस्पताल ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी. मृतक प्लंबर का […]
महनार : महनार नगर के वार्ड नंबर सात में शुक्रवार को लू लगने से दो लोगों की मौत हो गयी. नगर के प्यासा गली निवासी कंचन कुमार जायसवाल उर्फ कल्लूजी को तीन दिन पूर्व लू लग गयी थी. शुक्रवार की सुबह महनार अस्पताल ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी. मृतक प्लंबर का काम करता था. मृतक की पत्नी सोनी जायसवाल की शिकायत पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम लिए सदर अस्पताल भेज दिया.
इसी वार्ड के पटना में काम करने वाले मजदूर विद्यासागर सिंह को पटना में ही लू लग गयी थी. तबीयत खराब होने पर वह वापस घर आ गया था. परिजनों ने स्थानीय डॉक्टर से इलाज भी कराया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. हालांकि परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम कराये ही शव का दाह संस्कार कर दिया. महनार में लू से अबतक चार लोगों की मौत हो चुकी है.
लू से लगातार हो रही मौत से इलाके में गम का माहौल है. अगर किसी को लू लग जाये तो समस्या बड़ी होने से पहले ही शरीर कुछ संकेत देता है, जिन्हें समझकर दिक्कत बढ़ने से पहले खुद को संभाला जा सकता है. लू लगने के शुरुआती संकेत ये होते हैं कि आपको सिरदर्द, बेचैनी, चक्कर, कमजोरी महसूस होना, चिड़चिड़ाहट, बहुत प्यास लगना और खूब पसीना बहना.
लगातार बह रहे पसीने से शरीर से नमक की मात्रा भी लगातार कम होती जाती है, जिसकी वजह से शरीर में ऐंठन शुरू हो सकती है, जो जानलेवा साबित हो सकता है. सबसे जरूरी है पानी पीते रहना. जैसे ही शरीर का तापमान 37 डिग्री से अधिक होता है, वैसे ही शरीर से पसीना निकलने लगता है, जो हमारी त्वचा को गीला कर कर उसका तापमान वापस कम करता है.
ऐसे में आपके शरीर से पानी लगातार निकलता है. अगर इस स्थिति में कम पानी पीने पर शरीर में पानी की कमी हो जायेगी .और व्यक्ति डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाएगा. इसके बाद शरीर का तापमान भी नियंत्रित नहीं हो पाएगा, जो बढ़ने लगेगा. अगर ये तापमान 40.5 डिग्री से ऊपर गया तो धीरे-धीरे शरीर के एक-एक अंग काम करना बंद कर देता है और व्यक्ति की मौत भी हो सकती है.
ऐसे में अगर लू का कोई संकेत शरीर में दिखे तो तुरंत किसी ठंडी जगह पर जाएं, ताकि शरीर का तापमान नीचे आ सके. अगर मुमकिन हो तो एयरकंडीशनिंग का सहारा लें.
ध्यान रहे, अगर ऐसा लगता है कि इन सब के बावजूद राहत नहीं मिल रही है तो तुरंत अस्पताल जाएं और डॉक्टर से संपर्क करें. ऐसी स्थिति में लापरवाही का मतलब है जिंदगी खतरे में डालना.