नवजात शिशु के लिए मां का दूध अमृत : डॉ पांडेय

हाजीपुर : नगर के जौहरी बाजार स्थित मीषा क्लिनिक के सभागार में इनर व्हील क्लब के बैनर तले मंगलवार को स्तनपान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में अनेक महिलाओं ने भाग लिया. चिकित्सकों ने स्तनपान के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. डाॅ अंशु सिंह चौहान ने कहा कि किसी भी स्थिति में बच्चे को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2019 2:22 AM

हाजीपुर : नगर के जौहरी बाजार स्थित मीषा क्लिनिक के सभागार में इनर व्हील क्लब के बैनर तले मंगलवार को स्तनपान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में अनेक महिलाओं ने भाग लिया. चिकित्सकों ने स्तनपान के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. डाॅ अंशु सिंह चौहान ने कहा कि किसी भी स्थिति में बच्चे को स्तनपान कराना श्रेष्ठ होता है. यह बच्चे के लिए सर्वोत्तम उपहार है जहां शिशु को पहले आहार के रूप में सर्वश्रेष्ठ भोजन प्राप्त होता है.

वहीं मां और बच्चे, दोनों को ही अमूल्य संतुष्टि मिलती है. शिशु को कम से कम छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए. इसके बाद दो साल की उम्र तक अन्य आहार के साथ स्तनपान कराना चाहिए. क्लब की पूर्व अध्यक्ष सीमा पांडेय ने बताया कि स्तनपान कराने से स्तन की सुंदरता कम नहीं होती है.
स्तन के आकार में बदलाव होने की संभावना गर्भावस्था के कारण होती है, न कि स्तनपान कराने के कारण. स्तनपान कराने से मां को गर्भाशय ओवरी एवं स्तन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा कम होता है. सचिव मणि पांडेय ने कार्यक्रम का संचालन किया.
स्तनपान कार्यक्रम का आयोजन
हाजीपुर : नगर के जौहरी बाजार स्थित मीषा क्लिनिक के सभागार में इनर व्हील क्लब के बैनर तले मंगलवार को स्तनपान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में अनेक महिलाओं ने भाग लिया. चिकित्सकों ने स्तनपान के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.
डाॅ अंशु सिंह चौहान ने कहा कि किसी भी स्थिति में बच्चे को स्तनपान कराना श्रेष्ठ होता है. यह बच्चे के लिए सर्वोत्तम उपहार है जहां शिशु को पहले आहार के रूप में सर्वश्रेष्ठ भोजन प्राप्त होता है.
वहीं मां और बच्चे, दोनों को ही अमूल्य संतुष्टि मिलती है. शिशु को कम से कम छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए. इसके बाद दो साल की उम्र तक अन्य आहार के साथ स्तनपान कराना चाहिए. क्लब की पूर्व अध्यक्ष सीमा पांडेय ने बताया कि स्तनपान कराने से स्तन की सुंदरता कम नहीं होती है.
स्तन के आकार में बदलाव होने की संभावना गर्भावस्था के कारण होती है, न कि स्तनपान कराने के कारण. स्तनपान कराने से मां को गर्भाशय ओवरी एवं स्तन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा कम होता है. सचिव मणि पांडेय ने कार्यक्रम का संचालन किया.

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