मन के अंतर्नाद को सुन, कुछ और न सुन, कुछ और न गुन
हाजीपुर. नगर के गांधी आश्रम स्थित गांधी स्मारक पुस्तकालय में मासांत कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता पुस्तकालय के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ शैलेंद्र राकेश ने की. सचिव भोलानाथ ठाकुर ने संचालन किया. युवा कवि धर्मवीर शर्मा ने अपनी रचना बैठ चंद्रयान पर, टोपी लिये कान पर, कवि गये चांद पर… सुनकर गोष्ठी की […]
हाजीपुर. नगर के गांधी आश्रम स्थित गांधी स्मारक पुस्तकालय में मासांत कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता पुस्तकालय के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ शैलेंद्र राकेश ने की. सचिव भोलानाथ ठाकुर ने संचालन किया. युवा कवि धर्मवीर शर्मा ने अपनी रचना बैठ चंद्रयान पर, टोपी लिये कान पर, कवि गये चांद पर… सुनकर गोष्ठी की शुरुआत की.
राजकिशोर निरंजन ने काले बादल मेघदूत शीर्षक कविता का ओजपूर्ण पाठ किया. मिश्रीलाल सहनी ने जीवन मिला धरोहर शीर्षक कविता सुनाकर वाहवारी बटोरी. मेदिनी कुमार मेनन ने गोपाल सिंह नेपाली की प्रसिद्ध रचना मेरा धन है स्वाधीन कलम… का पाठ किया. बज्जिका कवि हरिविलास राय ने किसनवां के जिनगी कठोर, दुखवा के मारल चैन न ओकरा, ढर-ढर गिरइय लोर कविता सुनाकर किसानों का दर्द उकेरा.
कवयित्री रीना कुमारी ने अपनी रचना मन के अंतर्नाद को सुन, कुछ और न सुन कुछ और न गुन… का सस्वर पाठ कर श्रोताओं को रससिक्त बनाया. वहीं अनिल लोदीपुरी ने प्रसिद्ध कवयित्री महादेवी वर्मा की रचना तथा मनोरंजन वर्मा ने दुष्यंत कुमार की गजल ये जुबां हमसे सी नहीं जाती, जिंदगी है कि जी नहीं जाती सुनायी. मौके पर गंगोत्री प्रसाद सिंह, रंजीत कुमार सिंह, विजय कुमार भास्कर, मनोज कुमार, संजीव मिश्रा, श्याम सुंदर सिन्हा, प्रगति कुमार, विंदेश्वरी राय समेत अन्य श्रोता उपस्थित थे.