हाजीपुर : राघोपुर थाने के रामपुर श्यामचंद गांव में एक ही परिवार के आधा दर्जन लोगों को जिंदा जला देने के मामले में एक अभियुक्त को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय एएन उपाध्याय ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. 31 दिसंबर, 2005 की मध्यरात्रि इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था.
रामपुर श्यामचंद गांव निवासी विजेंद्र महतो के घर में सोयी पत्नी एवं उसके चार बच्चों को बाहर से दरवाजा बंद कर घर में आग लगा दी गयी थी, जिसमें सभी की मौत हो गयी थी. इस दौरान दरवाजे पर सोये विजेंद्र महतो भी आग की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया.
बाद में उसकी भी अस्पताल में मौत हो गयी थी. सूत्रों के अनुसार अपराधियों ने घर में सभी को जिंदा जलाने के दौरान कई घंटों तक अंधाधुंध फायरिंग करते हुए पूरे रामपुर श्यामचंद गांव में दहशत फैला दी थी. इस मामले में पूर्व में अन्य अभियुक्तों को सजा सुनायी जा चुकी है. लेकिन, एक अभियुक्त रंजय राय को शुक्रवार को सजा सुनाते हुए उम्रकैद की सजा दी गयी है.
घटना के समय रंजय राय के नाबालिग होने के कारण अलग न्यायालय में मामला चल रहा था. उस मामले में न्यायाधीश श्री उपाध्याय ने रंजय राय को भादवि की धारा 302,149,34 के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा दी है. मामला में लोक अभियोजक हरिहर सिंह के दिशा निर्देशन में अपर लोक अभियोजक रामेश्वर प्रसाद सिंह ने सरकार की ओर से बहस की .
* छह लोगों को जिंदा जलाने का मामला
* 31 दिसंबर 2005 की मध्यरात्रि में हुई थी घटना
* बाहर से दरवाजा बंद कर घर में लगा दी थी आग
* एक महिला समेत चार बच्चे जिंदा जले
* घर से बाहर सोये एक व्यक्ति की इलाज के दौरान हुई मौत