प्रसूता की मौत पर मेडिकल कॉलेज में हंगामा, दो नर्सों पर एफआइआर

बेतिया (पश्चिमी चंपारण) : स्थानीय गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में प्रसव के बाद प्रसूता की मौत से गुस्साये परिजनों ने गुरुवार को जमकर हंगामा किया. परिजनों के आक्रोश को देखते हुए डॉक्टर व कर्मी ड्यूटी छोड़ भाग खड़े हुए. परिजन प्रसव वार्ड में तैनात नर्स व कर्मचारी पर 200 रुपये की मांग को लेकर टांका नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2019 6:30 AM

बेतिया (पश्चिमी चंपारण) : स्थानीय गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में प्रसव के बाद प्रसूता की मौत से गुस्साये परिजनों ने गुरुवार को जमकर हंगामा किया. परिजनों के आक्रोश को देखते हुए डॉक्टर व कर्मी ड्यूटी छोड़ भाग खड़े हुए. परिजन प्रसव वार्ड में तैनात नर्स व कर्मचारी पर 200 रुपये की मांग को लेकर टांका नहीं लगाने से मौत होने का आरोप लगा रहे थे. इसको लेकर सभी ने बवाल शुरू कर दिया. सूचना पर पहुंची पुलिस को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी.

बाद में परिजनों के आवेदन पर दो नर्सों के खिलाफ एफआइआर दर्ज होने के बाद सभी माने और हंगामा खत्म किया. इधर, पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया. जानकारी के अनुसार, गोपालपुर थाना के छरदवाली निवासी मिन्टू आलम की पत्नी रूअफजा खातून को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन बुधवार की सुबह इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराये.
रात 10:20 बजे महिला ने बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद सुबह करीब 3 बजे इलाज के दौरान महिला की मौत हो गयी. मौत के बाद परिजन ड्यूटी पर तैनात नर्सों पर लापरवाही एवं उगाही का आरोप लगा कर हंगामा करने लगे. हंगामा इतना बढ़ा की नर्स व कर्मी ड्यूटी छोड़ भाग गये.
मृतका के पिता तारीफ मियां ने बताया कि पहले प्रसव कराने के लिए उनसे 1200 रुपये की मांग की गयी. उनकी बेटी दर्द से छटपटा रही थी. लिहाजा उन्होंने 1200 रुपये जब दिया, तब जाकर प्रसव कराया गया. इसके बाद टांका लगाने के एवज में फिर से 200 रुपये की मांग की गयी. बिना पैसा लिए टांका नहीं लगाया गया. इससे अत्यधिक रक्तस्राव के चलते उनकी बेटी की मौत हो गयी.
प्रभारी नगर थानाध्यक्ष श्रीराम सिंह ने बताया कि मामले में आवेदन के आधार पर नर्स कृष्णा व उषा के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर जांच की जा रही है. इस मामले में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि परिजनों के आरोप की जांच करायी जायेगी. इसमें यदि कॉलेज के कर्मचारी दोषी पाये जायेंगे तो उन पर कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए कमेटी बनी है.
कमेटी गठित कर मामले की करायी जायेगी जांच: अधीक्षक
मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. डीके सिंह ने बताया कि मामला बेहद ही गंभीर है. इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की जायेगी. कमेटी की जांच रिपोर्ट में यदि मामला सत्य पाया जाता है, तो दोषी डॉक्टर, नर्स व कर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. परिजनों के आरोप को गंभीरता से लिया गया है. इसकी गहराई से जांच करायी जायेगी.

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