ओवरलोडेड नाव से गंगा में गिरी जीप, बाल-बाल बचे लोग

बिदुपुर : गंगा नदी में नाव पर ओवरलोडिंग की वजह से आये दिन छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो रही है. बुधवार को बिदुपुर के खालसा घाट के समीप उस वक्त एक बड़ी घटना टल गयी, जब ओवरलोडेड नाव से एक जीप गंगा नदी में गिर गयी और लगभग 25 फुट गहरे पानी में डूब गयी. नाव से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2019 1:36 AM

बिदुपुर : गंगा नदी में नाव पर ओवरलोडिंग की वजह से आये दिन छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो रही है. बुधवार को बिदुपुर के खालसा घाट के समीप उस वक्त एक बड़ी घटना टल गयी, जब ओवरलोडेड नाव से एक जीप गंगा नदी में गिर गयी और लगभग 25 फुट गहरे पानी में डूब गयी. नाव से जीप के नदी में गिरते ही वहां थोड़ी देर के अफरा-तफरी मच गयी.

नाव पर सवार लोग अपनी जान बचाने के लिए नाव से कूद पड़े. हालांकि घटना के वक्त नदी किनारे ही थी, इसलिए सभी लोग बाल-बाल बच गये. बाद में जेसीबी को मौके पर बुलाया गया और उसकी मदद से रस्सी के सहारे में पानी में डूबी नाव को बाहर निकाला गया. मालूम हो कि बिदुपुर व राघोपुर प्रखंड क्षेत्र में नावों पर ओवरलोडिंग बेरोकटोक जारी है.
बीते 29 अक्तूबर को राघोपुर प्रखंड की मोहनपुर पंचायत के मीरमपुर निवासी थमन राय के 14 वर्षीय पुत्र आशिक कुमार ओवर लोडेड नाव से गिर कर गंगा नदी में डूब गया था. यह घटना तब घटी जब वह कच्ची दरगाह से अंडा लेकर वापस अपने घर लौट रहा था.
इस घटना के बाद उसके पिता ने नाविक व नाव मालिक के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करायी थी. इस घटना के कुछ दिनों बाद बीते आठ नवंबर को भी रुस्तमपुर घाट पर ओवरलोडेड नाव पर धक्का-मुक्की की वजह से एक युवक नदी में गिर पड़ा था. हालांकि उसे नाविकों व स्थानीय लोगों की मदद से बचा लिया गया था. इन सबके बावजूद नावों पर ओवरलोडिंग रुकने का नाम नहीं ले रही है.
बिदुपुर में प्रतिदिन दर्जनों नाव राघोपुर सवारी लेकर आते-जाते हैं. नावों पर क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाने की वजह से अक्सर हादसे भी होते रहते हैं. बीते वर्ष जमींदारी घाट के निकट खाद लदी नाव क्षतिग्रस्त होकर नदी में डूब गयी थी. उस वक्त कई लोगों की डूबने से मौत हो गयी थी.
बुधवार को घटनास्थल पर मौजूद बाजितपुर सैदात पंचायत के सरपंच अमरेश कुमार, युवा जदयू प्रखंड अध्यक्ष धर्मेंद्र चौरसिया आदि ने बताया कि प्रशासन द्वारा केवल निबंधित नावों का ही परिचालन कराना चाहिए. ओवरलोडिंग करने वाले नाविकों व संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए.

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