रक्षाबंधन का पर्व धर्म व मजहब से है ऊपर
हाजीपुर : रक्षा बंधन का त्योहार संस्कृति की अनुपम देन है. यह त्योहार धर्म और मजहब से ऊपर उठ कर मनाया जा रहा है. भाई के द्वारा संरक्षण पाने का दिन है. बहन भी भाई को राखी बांध कर मंगल कामना करती है. जानकारों का मानना है कि यह भाई-बहन का यह पवित्र बंधन, विकारों […]
हाजीपुर : रक्षा बंधन का त्योहार संस्कृति की अनुपम देन है. यह त्योहार धर्म और मजहब से ऊपर उठ कर मनाया जा रहा है. भाई के द्वारा संरक्षण पाने का दिन है. बहन भी भाई को राखी बांध कर मंगल कामना करती है.
जानकारों का मानना है कि यह भाई-बहन का यह पवित्र बंधन, विकारों से बचाने का संदेश देता है. प्रेम के आगे काम, क्रोध, लोभ सभी शांत हो जाते हैं और पवित्र विचार उत्पन्न होते हैं. यह त्योहार सावन पूर्णिमा 10 अगस्त को मनाया जायेगा.
वैज्ञानिक दृष्टि से भी है महत्वपूर्ण
रक्षा बंधन का त्योहार वैज्ञानिक दृष्टि से भी आरोग्यता प्रदान करता है. जब आदमी चिंता ग्रस्त व भयभीत होता है, तो दिल की धड़कनें बढ़ जाती है. उसको नियंत्रित करने में रक्षा सूत्र उपयोगी है. प्राचीन काल में सामाजिक व्यवस्था को नियंत्रित करने में इस त्योहार का विशेष योगदान रहा होगा.
कभी रानी कर्णावति द्वारा हुमायूं की कलाई में बांधे गये धागे ने इस देश में धर्मनिरपेक्षता का अध्याय लिखा था. लोगों ने कहा कि वर्तमान समय में इस पर पश्चिमी सभ्यता का असर पड़ गया है.