जिले में चिकित्सा के क्षेत्र में लूट खसोट और ठगी का धंधा बेरोकटोक जारी है. बिचौलियों के बल पर फल-फूल रहे चिकित्सा के बाजार में इलाज एवं जांच के नाम पर मरीजों का दोहन किया जा रहा है. सुदूर इलाके से प्रतिदिन जिला मुख्यालय में बेहतर इलाज के लिए आने वाले भोले-भाले मरीज एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड एवं कई प्रकार की जांचों के नाम पर निजी क्लिनिकों का शिकार बन रहे हैं. जांच की फीस निर्धारित नहीं होने के कारण और आम मरीजों को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं होने के चलते, उन्हें जांच घरों में मनमानी कीमत चुकानी पड़ती है.
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जांच के नाम पर लूटे जा रहे मरीज
जिले में चिकित्सा के क्षेत्र में लूट खसोट और ठगी का धंधा बेरोकटोक जारी है. बिचौलियों के बल पर फल-फूल रहे चिकित्सा के बाजार में इलाज एवं जांच के नाम पर मरीजों का दोहन किया जा रहा है. सुदूर इलाके से प्रतिदिन जिला मुख्यालय में बेहतर इलाज के लिए आने वाले भोले-भाले मरीज एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड […]
अवैध रुप से चल रहे हैं पैथॉलोजी लैब : जिला मुख्यालय हाजीपुर के अलावा महुआ, महनार, लालगंज, जंदाहा आदि बाजारों में लगभग तीन सौ से अधिक जांच घर बिना निबंधन के अवैध रुप से चल रहे हैं. निबंधन की कार्रवाई नहीं होने के कारण जिले के लोग ठगे जा रहे हैं. कायदे से प्रत्येक जांच घरों में एक चिकित्सक और एक पारा मेडिकल स्टाफ का होना जरूरी है. अधिकांश जांच घर तय मापदंड के अनुरूप कार्य नहीं कर रहे हैं.
इन जांच घरों में जांच की गुणवत्ता और प्रमाणिकता भी संदिग्ध है. चिकित्सकों से तय कमीशन के आधार पर इनका धंधा चल रहा है, और इस प्रकार ये आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
सदर अस्पताल में नहीं हैं जरूरी जांच की व्यवस्था : मरीजों के लिए आवश्यक कई प्रकार की जांच की व्यवस्था सदर अस्पताल में नहीं होने के कारण मरीजों को निजी जांच घरों पर निर्भर होना पड़ रहा है. मलेरिया जैसी बीमारी से प्रभावित इस जिले के मरीजों के लिए सदर अस्पताल में मलेरिया की जांच उपलब्ध नहीं हैं. अस्पताल में अभी महज टीसी, डीसी, इएसआर, हिमोग्लोबिन, यूरिन रूटीन, सुगर एवं बायोकेमेस्ट्री की जांच ही उपलब्ध है. इसके अलावा चिकित्सक द्वारा मरीजों को कई तरह की जांच का परामर्श दिया जाता है. जिसके लिए मरीजों को प्राइवेट जांच घरों की शरण लेनी पड़ती है.
निर्धारित हो जांच की फीस : जानकारों का कहना है कि लैब में हर प्रकार की जांच का शुल्क निर्धारित होना चाहिए. इससे लोगों को खून, पेशाब से संबंधित एवं अन्य प्रकार की जांच की सही कीमत का पता चल सकेगा. इससे जांच घरों द्वारा मनमानी रकम लेने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी. जागरूक लोगों की मांग है कि जिले में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड एवं सभी तरह की जांच का शुल्क निर्धारित कर लैबों में इसकी सूची लगायी जाये, ताकि सीधे सादे मरीजों को ठगी और लूट खसोट से बचाया जा सके.
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