मरीज की मौत पर हंगामा तोड़फोड़ से थम गया शहर

मरीज की मौत पर बवाल होने से पूरा शहर थम गया. नगर की तमाम सड़कों पर अप्रत्याशित भीड़ लग गयी. मड़ई रोड से गुजरना मुश्किल हो गया. कई जगहों पर आजगनी से शहर का यातायात पूरी तरह बाधित रहा. घटनास्थल के समीप अस्पताल से अन्य मरीज आनन-फानन में जान बचा कर भाग गये. लोगों का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 10, 2014 1:41 AM

मरीज की मौत पर बवाल होने से पूरा शहर थम गया. नगर की तमाम सड़कों पर अप्रत्याशित भीड़ लग गयी. मड़ई रोड से गुजरना मुश्किल हो गया. कई जगहों पर आजगनी से शहर का यातायात पूरी तरह बाधित रहा. घटनास्थल के समीप अस्पताल से अन्य मरीज आनन-फानन में जान बचा कर भाग गये.

लोगों का आक्रोश देख कर पुलिस कर्मी भी सकते में आ गये. कड़ी धूप में शहर के अन्य मार्ग बाधित होने से आम लोगों की परेशानी बढ़ गयी. लगभग पांच घंटे तक सुभाष चौक से मड़ई चौक तक उग्र लोग उत्पात मचाते रहे. यहां की अधिकतर दुकानें बंद कर दी गयीं. दुकानदार डर से दुबके रहे. गुरुवार की सुबह पांच बजे से ही मृतक के परिजनों का गुस्सा भड़क उठा था.

लगातार दो घटनाओं से हड़कंपः नगर के सुभाष चौक पर मरीज की मौत की दो घटनाएं घटीं. दोनों में प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए हंगामा और तोड़फोड़ व आगजनी की नौबत आयी. पुलिस भी अपने को बचाती नजर आ रही थी. ऑपरेशन के दौरान मौत होने पर डॉक्टरों पर किड़नी बेचने का आरोप लगाया गया. डॉ. प्रवीण कुमार का मामला शांत हुआ भी नहीं हुआ कि डॉ. आशुतोष के अस्पताल पर संकट छा गया. देखते-देखते सुभाष चौक का इलाज पूरी तरह रणक्षेत्र मे बदल गाया. आस -पास के लोग घबरा गये. आदर्श हॉस्पिटल में भगदड़ मच गयी. यहां पहले से आये मरीज नंगे पांव भागने लगे.
दर्ज हुई प्राथमिकी : डॉ. प्रवीण कुमार और डॉ. आशुतोष पर मृतक के परिजनों ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. आदर्श हॉस्पिटल को सील किया गया. जबकि डॉ प्रवीण कुमार को घंटों पुलिस हिरासत में रहना पड़ा. कांड संख्या 862 एव 863 में दोनों मामले अलग-अलग दर्ज हैं. भादवि की धारा के 304 धारा लगायी गयी है. पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है.मड़ई निवासी रामदेव सिंह का प्रोस्टेट जबकि दलसिंह सराय के बच्चे की पथरी निकालने के लिए ऑपरेशन किया गया था.
पहले भी हो चुकी लापरवाही : शहर के इन दोनों डॉक्टर हमेशा ही विवादित मामले में उलझते रहे हैं. मरीज की मौत, मरीज को अपाहिज बनाने, शरीर के महत्वपूर्ण अंग गायब करने सहित अन्य गंभीर आरोप लगते रहे हैं. इनके अलावा शहर के कई अन्य निजी अस्पताल एवं नर्सिग होम तथा जांच घर हैं, जहां आये दिन मरीज की मौत पर हंगामा होता रहा है.

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