अनुसूचित जाति के 43 मामलों में हुआ मुआवजा का भुगतान
अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार के मामले में थानास्तर पर प्राथमिकी दर्ज करते समय या अनुसंधान के क्रम में संबंधित धाराएं आवश्यक रूप से लगायी जाएं, जिससे अत्याचार से पीड़ित अनुसूचित जाति जनजाति के व्यक्तियों को मुआवजा राशि देने में सहूलियत हो सके. सभी थानाध्यक्ष अनुसूचित जाति जनजाति मामलों में संवेदनशीलता बरतेंगे. डीएम विनोद सिंह गुंजियाल […]
अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार के मामले में थानास्तर पर प्राथमिकी दर्ज करते समय या अनुसंधान के क्रम में संबंधित धाराएं आवश्यक रूप से लगायी जाएं, जिससे अत्याचार से पीड़ित अनुसूचित जाति जनजाति के व्यक्तियों को मुआवजा राशि देने में सहूलियत हो सके. सभी थानाध्यक्ष अनुसूचित जाति जनजाति मामलों में संवेदनशीलता बरतेंगे.
डीएम विनोद सिंह गुंजियाल ने गलरुवार को अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम की जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की बैठक में यह निर्देश दिया. बैठक में पुलिस अधीक्षक को अपने स्तर से सभी थानाध्यक्षों को निर्देश देने के लिए पत्र भेजने को कहा गया है. अत्याचार के एक मामले में संबंधित धारा नहीं लगाने पर स्पष्टीकरण पूछने हेतु पुलिस अधीक्षक को कहा गया. मुआवजा राशि भुगतान के संबंध में ऐसे मामले, जिनमें आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है, उसमें पुलिस अधीक्षक की स्पष्ट अनुशंसा प्राप्त करने का निर्देश दिया गया.
अनुसूचित जाति जनजाति थाने में लंबित मामलों का विस्तृत प्रतिवेदन की मांग थानाध्यक्ष से की गयी. इसी प्रकार जिले के सभी थानों में अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार से संबंधित मामलों का प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक से प्राप्त करने का निर्देश जिला कल्याण पदाधिकारी को दिया गया है. जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि 43 मामलों में मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है, जिनमें हत्या एवं बलात्कार के दो-दो मामले हैं. उपरोक्त मामले मे न्यायालय के निर्णय के उपरांत तृतीय किस्त की राशि के लिए लोक अभियोजक को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया.
जिलाधिकारी ने हत्या और बलात्कार के पीडितों के आश्रित बच्चों की शिक्षा आवासीय विद्यालय में कराने हेतु जिला कल्याण पदाधिकारी को कार्रवाई करने को कहा. घर जलाने के एक मामले में संबंधित अंचल अधिकारी से प्रतिवेदन प्राप्त कर मुआवजा देने को कहा गया है. वहीं उपविकास आयुक्त को प्रक्रिया के अंतर्गत इंदिरा आवास देने का निर्देश दिया गया. जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि 43 मामलों में वारंट निर्गत हैं और उपस्थिति के कारण लंबित है. इन सभी मामलों की सूची पुलिस अधीक्षक को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. बैठक में अपर समाहर्ता डॉ उमाशंकर मंडल, जिला कल्याण पदाधिकारी, लोक अभियोजक एवं अन्य सदस्य उपस्थित थे.