मिला-जुला रहा बंद का असर

हाजीपुर : भाजपा का बिहार बंद नगर में मिले-जुले असर के साथ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. सुबह से ही भाजपा कार्यकर्ता नगर में घूम कर व्यवसायियों से अपने प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील करते देखे गये. प्रदर्शनकारियों के जत्थे का नेतृत्व भाजपा के जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंह, पूर्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:50 PM

हाजीपुर : भाजपा का बिहार बंद नगर में मिले-जुले असर के साथ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. सुबह से ही भाजपा कार्यकर्ता नगर में घूम कर व्यवसायियों से अपने प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील करते देखे गये. प्रदर्शनकारियों के जत्थे का नेतृत्व भाजपा के जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष उमेश प्रसाद शाही, प्रो. अजीत कुमार सिंह, रंजीत कुशवाहा, बच्ची मिश्र, प्रो. एमएन दास, चंद्रभूषण तिवारी आदि नेता कर रहे थे.

प्रदर्शनकारियों ने बैंक, निबंधन कार्यालय आदि को बंद कराने का प्रयास किया, जिसके चलते कुछ समय के लिए इन कार्यालयों का काम बाधित हुआ. जिला प्रशासन की मुस्तैदी ने सरकारी कार्यालयों को बाधित करने के प्रयास को नाकाम कर दिया.

यातायात पर बंद का कोई विशेष प्रभाव नहीं दिखा. शहर में अन्य दिनों की तरह गाड़ियों दौड़ती रहीं. वैसे गंगा दशहरा को देखते हुए छोटे वाहनों के परिचालन को निर्बाध रखने का निर्णय पार्टी ने किया था. सुबह से जो दुकानें बंद थी, दोपहर के बाद सभी खुल गयीं. बंद के शांतिपूर्ण तरीके से निबट जाने से प्रशासन ने राहत की सांस ली. समाहरणालय परिसर में घुसने की कोशिश करते प्रदर्शनकारियों को अनुमंडल पदाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया गया.

वहां पहले से ही दंडाधिकारी सहित पुलिस बल तैनात थे. इसके बाद प्रदर्शनकारी गेट पर ही धरने पर बैठ गये. धरनास्थल पर सभा को संबोधित करते हुए भाजपा नेताओं ने कहा कि हर राजनीतिक संकट के समय सहयोग करने वाले दल के साथ जदयू और उसके नेता नीतीश कुमार ने विश्वासघात किया है.

जनता चुनाव में इसका जवाब देगी. इस अवसर पर सुनील दास, के एन सिंह ,सिकंदर दास, अभय कुमार डब्लू, तार केश्वर पांडेय, देवेंद्र पांडेय विद्यार्थी, मंजू उपाध्यक्ष ,डॉ रंजीत कुमार बाबुल ,कुमार सौरभ, मृत्युंजय पाठक, धनंजय कुमार, रवींद्र सिंह, रविशंकर सिंह, उमाशंकर प्रसाद सिन्हा सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे. इस दौरान 78 बंद समर्थकों को गिरफ्तार किया गया, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया.

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