समता मूलक समाज चाहते थे कबीर : सांसद
राजापाकर : सदगुरु कबीर आश्रम राजापाकर के परिसर में प्रत्येक साल की भांति इस साल भी कबीर प्राकट्य दिवस मनाया गया. 615 वें प्राकट्य महोत्सव का उद्घाटन सांसद राम सुंदर दास ने करते हुए कहा कि समता मूलक समाज की चाह कबीर को थी. उनके साथ कबीर मंच के महंत बाबा विंदेश्वर दास ने कहा […]
राजापाकर : सदगुरु कबीर आश्रम राजापाकर के परिसर में प्रत्येक साल की भांति इस साल भी कबीर प्राकट्य दिवस मनाया गया. 615 वें प्राकट्य महोत्सव का उद्घाटन सांसद राम सुंदर दास ने करते हुए कहा कि समता मूलक समाज की चाह कबीर को थी. उनके साथ कबीर मंच के महंत बाबा विंदेश्वर दास ने कहा कि हम सभी समता मूलक समाज की स्थापना कर सकते हैं.
अच्छे समाज और अच्छे देश की स्थापना कर हम कबीर साहब के सपनों को पूरा कर सकते हैं. कबीर साहब समता मूलक समाज के प्रवर्तक थे.
उनकी चाह थी कि समाज में कहीं कोई ऊंच-नीच नहीं हो. वे भेदभाव, ऊंच-नीच, जाति धर्म, छुआछूत से ऊपर एक समाज का निर्माण करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने मानवीयता का प्रचार किया.
इस मौके पर गुवाहाटी आश्रम के मुखलाल दास, राम प्रसाद दास, प्रेम दास, पंश्चिम बंगाल के अजब लाल दास, भंडारी दास, सकल देव सिंह, देवेंद्र प्रसाद सिंह, राम जनम सिंह समेत अनेक लोग उपस्थित थे. मौके पर एक भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें दूर- दूर से आये लोगों ने भाग लिया.