सजी हैं इलाके की मसजिदें व खानकाह

हाजीपुर : नगर में शब-ए-बरात की तैयारी जोर-शोर से की गयी है. कब्रिस्तानों, मसजिदों व खानकाहों में विशेष सजावट की गयी हैं. शब-ए-बरात को लेकर शहरी और ग्रामीण मुसलिम बहुल इलाकों में चहल-पहल बनी हुई है. कब्रिस्तानों, मसजिदों तक जानेवाले रास्तों की सफाई की गयी है. मदरसा तेगिया अशराफिया रजाए मुस्तफा जढुआ मतवाला अखाड़ा के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:52 PM

हाजीपुर : नगर में शब-ए-बरात की तैयारी जोर-शोर से की गयी है. कब्रिस्तानों, मसजिदों व खानकाहों में विशेष सजावट की गयी हैं. शब-ए-बरात को लेकर शहरी और ग्रामीण मुसलिम बहुल इलाकों में चहल-पहल बनी हुई है. कब्रिस्तानों, मसजिदों तक जानेवाले रास्तों की सफाई की गयी है.

मदरसा तेगिया अशराफिया रजाए मुस्तफा जढुआ मतवाला अखाड़ा के सचिव नवाब मेहराब अब्दाली एवं मौलाना महताब आलम ने बताया कि हदीसे में आया है कि यह मगफिरत की रात है. अल्लाह त आला इस रात में अपने बंदों की गुनाहों को माफ करते हैं. इस रात में इबादत करने, कुरआन की तिलावत करने व खुदा की जिक्र करने वालों को परवर दिगार इनाम देते हैं.

सोमवार की रात शब-ए-बरात की इबादत हजार महीनों की इबादत के बराबर है. मंगलवार को रोजा करेंगे. इसलामी कैलेंडर का आठवां महीना शबान होता है. इस रात्रि में बंदों के अमाल अल्लाह त आला की बारगाह में पेश किये जाते हैं. नगर के अनवरपुर, बागमली, हथसारगंज, थाना चौक, मसजिद चौक, जढुआ, मीनापुर सहित अन्य स्थानों पर स्थित दरगाहों, कब्रिस्तानों व मसजिदों में लोग शाम होते ही पहुंचे और इबादत की.

मुफ्ती मौलाना हस्सान ने बताया कि रात भर जागरण नमाज पढ़ कर लोग अल्लाह ताला से प्रार्थना की. चेहराकलां संवाददाता के अनुसार प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में आज मुसलमान संप्रदाय के लोग शब-ब-बरात मनायी. दिन भर उपवास रह कर लोगों ने पर्व को मनाया. मो मुतूर्जा, पूर्व उपप्रमुख मो मुसलिम ने कहा कि पूर्वजों की याद में रात भर जाग कर फातया किया जायेगा.

इस मौके पर हलवा बना कर पूर्वजों को समर्पित करते हैं. महुआ सदर संवाददाता के अनुसार अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न भागों में मुसलमान भाइयों का पवित्र पर्व शब-ब-बरात आपसी सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाया गया. इस दौरान मुसलिम धर्मावलंबियों ने इबादत की. जानकार हाफिज तौकीर सैफी, दाउद रहमान, हाजी मजहर हसन आदि का कहना है कि शब-ए-बरात की रात किये गये गुनाहों की माफी की रात होती है. इस रात लोग अपने पूर्वजों के मजारों अथवा कब्रिस्तानों पर जाकर उनके द्वारा तथा अपने द्वारा किये गये गुनाहों से छुटकारा दिलाने के लिए इबारत करते हैं.

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