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रात के समय मेले में बढ़ रहा नशेड़ी व बाइकर्स का उत्पात

हरिहर क्षेत्र हाजीपुर : शाम होते ही विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेले का सौंदर्य निखर जाता है. रंग-बिरंगी रोशनी की छटा से पूरा मेला क्षेत्र खिल उठता है. मेले के सौंदर्य बोध में बंध कर लोगों की भीड़ भी प्रतिदिन बढ़ रही है. बढ़ती ठंड ने मेले को गरम कर दिया है. लोग जम कर […]

हरिहर क्षेत्र हाजीपुर : शाम होते ही विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेले का सौंदर्य निखर जाता है. रंग-बिरंगी रोशनी की छटा से पूरा मेला क्षेत्र खिल उठता है. मेले के सौंदर्य बोध में बंध कर लोगों की भीड़ भी प्रतिदिन बढ़ रही है. बढ़ती ठंड ने मेले को गरम कर दिया है.
लोग जम कर गरम कपड़ों के साथ शादी-विवाह के सामान की खरीद-बिक्री में जुटे हुए हैं. छोटे से लेकर बड़े व्यवसायी तक मेले का भरपूर आनंद उठा रहे हैं. इन सबके बीच नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का आतंक भी कायम हो रहा है. मेला जैसे-जैसे अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहा है, नशेड़ियों, बाइकर्स एवं असामाजिक तत्वों का उत्पात भी बढ़ रहा है. अब लोग शाम होते ही जल्द-से-जल्द घर लौटना चाहते हैं.
हालांकि पुलिस की गश्ती रहती है, लेकिन केवल देखते रहने के सिवा कुछ नहीं करती. शाम होते ही चौक-चौराहे इनके कब्जे में होते हैं. हाजीपुर का राम अशीष चौक, स्टेशन चौक, गांधी चौक त्रिमूर्ति चौक सहित सोनपुर का महेश्वरी चौक पर विशेष रूप से इन लोगों का जमघट होता है. रविवार की देर शाम स्टेशन चौक पर कुछ युवा आपस में ही उलझ गये. बचाने गये लोगों से भी उन लोगों ने हाथापाई की.
कार्यक्रम देखने-सुननेवाले चिंतित : मेले में पर्यटन विभाग का सांस्कृतिक मंच लोक कलाकारों एवं इसकी छटा से प्रकाशित तो है, लेकिन लोगों को आशंका बनी रहती है सुरक्षित घर कैसे पहुंचेंगे. अब पंडाल में देर शाम कम ही लोग होते है. मेलार्थियों का कहना है कि थियेटर देखनेवाले युवा और नशेड़ियों के कारण मेले का आनंद रात में उठाने में डर लगता है. पुलिस पहले की तरह चौकस नजर नहीं आती. दिन में ठीक -ठाक रहता है, लेकिन शाम होते ही सड़कों पर बाइकर्स और नशेड़ियों का खेल शुरू हो जाता है. देर शाम सड़क पर आम लोगों से जान बूझ कर टकराना शुरू कर देते हैं.
क्या कहते हैं मेले में आये लोग
मेला परिसर में तो ठीक है, लेकिन मेला परिसर से बाहर सड़कों जो हरकतें नशेड़ी करते हैं, उससे डर लगता है. सभी चौक-चौराहों पर खुले रूप से जाम टकराये जाते हैं.
प्रो सतीश, हाजीपुर
पटना से परिवार के साथ आया था, लेकिन शाम होने के पहले लौटना है. शाम में बाइकर्स और असामाजिक तत्वों से परेशानी हो सकती है. प्रशासन को मेला अवधि तक सजग रहना चाहिए.
देवेंद्र सिंह, पटना
सामाजिक तत्वों ने अंधेरे का लाभ उठा कर पर्स ही गायब कर दिया, क्या मेला देखूं. शाम में मेले का आकर्षण बढ़ जाता है जिसके कारण आया था. शराबियों व नशेड़ियों से डर बन गया है. इससे मेले की गरिमा घट जायेगी.
हरिओम, बिदुपुर
शराबियों के कारण मेले का आनंद नहीं उठा पाया. किसी दिन दिन में आऊंगा. आखिर हमारा युवा किस तरफ जा रहा है. अपसंस्कृति इतनी हावी है कि छोटे-बड़े का लिहाज ही खत्म हो गया है.
हरि प्रसाद, पटना
मौज-मस्ती करना ठीक है, लेकिन इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि इससे किसी को परेशानी न हो. आखिर प्रशासन क्या कर रहा है. अब देर शाम मेला देखने नहीं निकला जा सकता.
रेखा शर्मा, सोनपुर

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