एटीएम जा रहे हैं, तो सावधानी जरूरी
हाजीपुर : बैंक के एटीएम से जहां उपभोक्ताओं को सुविधा मिली है, वहीं वह परेशानी का सबब भी बन गयी है. सुरक्षा व इससे संबंधित आवश्यक निर्देशों का पालन नहीं किये जाने के कारण एटीएम कार्ड के जरिये धोखाधड़ी और हेराफेरी की घटनाएं बढ़ गयी हैं. जानकारों का मानना है कि ऐसे में उपभोक्ताओं को […]
हाजीपुर : बैंक के एटीएम से जहां उपभोक्ताओं को सुविधा मिली है, वहीं वह परेशानी का सबब भी बन गयी है. सुरक्षा व इससे संबंधित आवश्यक निर्देशों का पालन नहीं किये जाने के कारण एटीएम कार्ड के जरिये धोखाधड़ी और हेराफेरी की घटनाएं बढ़ गयी हैं. जानकारों का मानना है कि ऐसे में उपभोक्ताओं को सजग रहना होगा, साथ ही बैंकों को भी नियमानुकूल सुरक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए. इससे संबंधित जानकारी का होना भी आवश्यक है.
बैंक एटीएम कार्ड के आ जाने व इसके बढ़ते प्रचलन से बैंकों का बोझ काफी हद तक कम हुआ है. विशेष कर जरूरत के समय रुपये आसानी से उपलब्ध होने में, लेकिन कार्ड की चोरी हो जाना, पासवर्ड का पता लगा कर एटीएम से पैसा निकालने की घटनाएं आए दिन होने लगी हैं. यहां तैनात सुरक्षा कर्मी पर भी लोग संदेह व्यक्त करते हैं.
एटीमए पर बैंक के नियम लागू होते हैं, लेकिन शहर में स्थित अधिकतर एटीएम पर बैंक के नियम व निर्देशों का पालन नहीं होता. यहां सबसे ज्यादा परेशानी नि:शक्तो व विकलांगों को होती है. इनके लिए यहां कोई सुविधा नहीं है, जबकि नियमत: ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे इनको परेशानी न हो.
बैंक प्रबंधन के अनुसार एटीएम में दृष्टिहीन उपभोक्ता के लिए टॉकिंग ब्रेल लिपि का पैड होना चाहिए. केंद्र में ऐसा रैप उपलब्ध कराया जाये ताकि अपाहिज उपभोक्ता व्हील चेयर पर बैठे-बैठे कार्ड का इस्तेमाल कर सके. केंद्र में प्रोवाइडर बैंक की हेल्प डेस्क एवं फोन नंबर व उस अधिकारी का नाम पता लिखा होना चाहिए. लेकिन सच्चई यह है कि नगर में अधिकतर एटीएम ऐसे किसी निर्देश का पालन नहीं करते हैं.
एक बैंक के मैनेजर ने बताया कि बचत खाते पर निर्गत एटीएम कार्ड से दूसरे बैंक एटीएम से मशीन से महीने में पांच बार मुफ्त निकासी कर सकते है. इसके बाद 20 रुपये प्रति ट्रांजक्शन चार्ज किया जाता है. बैलेंस चेक करने के लिए कोई फीस नहीं है.
अगर दूसरे बैंक के एटीएम से पैसा निकालने वक्त रकम कट जाये और आपको पैसे नहीं मिलें तो ब्रांच को शिकायत करे. 12 घंटे बर्किग दिन में आपके अकाउंट में पैसा वापस आ जाना चाहिए. यदि पैसा न आये तो सौ रुपये प्रतिदिन से हर्जाना वसूलने के हकदार हैं. लेकिन असलियत है कि निर्धारित समय में न तो पैसे मिलते है और न हर्जाना.