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जिले में हर तीसरे दिन एक महिला प्रताड़ित

वैशाली जिले में हर तीसरे दिन एक विवाहिता पर अत्याचार ढाया जाता है. घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, यौन शोषण, संपत्ति संबंधी एवं महिला उत्पीड़न के मामले में महिलाओं को ही शिकार बनना पड़ता है. विगत चार वर्षों की रिपोर्ट के अनुसार जिले में महिलाओं को प्रताड़ित करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है. वर्ष 2010 […]

वैशाली जिले में हर तीसरे दिन एक विवाहिता पर अत्याचार ढाया जाता है. घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, यौन शोषण, संपत्ति संबंधी एवं महिला उत्पीड़न के मामले में महिलाओं को ही शिकार बनना पड़ता है. विगत चार वर्षों की रिपोर्ट के अनुसार जिले में महिलाओं को प्रताड़ित करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है. वर्ष 2010 में पीड़ित महिलाओं को उचित हक दिलाने के लिए समाज कल्याण विभाग ने ठोस कदम उठाया और महिला विकास निगम की स्थापना की. इसके तहत 90 फीसदी पीड़ित महिलाओं को न्याय मिलने लगा. साथ ही उनके रोजगार के लिए आर्थिक सहायता भी देने का प्रावधान बना, जिससे पीड़िता को जीवन यापन करने में नयी राह मिल जाती है. 1460 दिनों में 917 महिलाओं को प्रताड़ित किया गया है.

हाजीपुर : महिलाओं को प्रताड़ित करने की प्रवृत्ति बढ़ती देख वर्ष 2010 के 30 मार्च को समाज कल्याण विभाग ने जिले में महिला हेल्प लाइन की स्थापना की थी. इसके बाद यहां पीड़िताओं की कतार बढ़ती गयी. धीरे-धीरे सैकड़ों
महिलाएं अपनी फरियाद लेकर यहां आने लगी. अब तक यहां कुल नौ सौ 17 महिलाएं अपना दुखड़ा लेकर पहुंच चुकी हैं, जिसमें छह सौ महिला को न्याय मिल गया है. इसके अलावा लगभग चार सौ मामले अभी लंबित बताये गये हैं.
* स्वरोजगार के लिए बंटी राशि : अब तक सौ से अधिक महिलाओं के बीच पांच लाख साठ हजार की राशि का वितरण किया गया है, जिनसे पीड़ित महिलाओं के घर में खुशहाली आयी है. इस दौरान सिलाई,कढ़ाई, बुनाई सहित अन्य विधा की टे्रनिंग दी जाती है.
* क्या होती है कार्रवाई : घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के तहत पीड़िता
एवं उसके परिवारवालों के बीच समझौता कराया जाता है. साथ ही पीड़िता को स्वरोजगार के लिए
अनुदान की राशि भी मुहैया करायी जाती है.जिन महिला को घर वाले अस्वीकार करते है या जिसका दुनिया में कोई नहीं होता है, उसे महिला सुधार गृह एवं अल्पावास गृह में जगह दी जाती है.वहां कई तरह की हस्तकला का प्रशिक्षण देकर उसे स्वरोजगार के योग्य बनाया जाता है.
* दी जाती है नि:शुल्क सहायता : महिला हेल्प लाइन के माध्यम से पीड़िताओं को नि:शुल्क परामर्श व सहायता दी जाती है. साथ ही गोपनीयता को बनाये रखा जाता है.शिकायत करने के लिए हेल्प लाइन नंबर 181 जारी किया गया है. इसके अलावा कार्यालय में जाकर भी शिकायत की जा सकती है.
* क्या कहती हैं महिला पदाधिकारी
पीड़ित महिलाओं को न्याय के साथ स्वरोजगार के लिए भी मदद की जाती है. पिछले चार साल में सैकड़ों महिलाओं को उचित हक दिलाया गया है. वर्ष 2011 से मैं महिलाओं की सेवा कर रहीं हूं. पीड़िताओं के लिए काम करना काफी अच्छा लगता है.
प्रियंका कुमारी
परियोजना प्रबंधक सह जिला महिला अधिकारी संरक्षण पदाधिकारी,वैशाली

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