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तिथि घोषित, पर कोर्स पूरा नहीं
हाजीपुर : स्नातक एवं इंटर मीडिएट परीक्षा की तिथि की घोषणा तो हो गयी, लेकिन कॉलेज में छात्र-छात्राओं का कोर्स पूरा नहीं हो पाया है, जिससे वे परेशान हैं. सबसे बुरा हाल स्नातक के छात्र-छात्राओं का है. उनका कहना है कि प्रथम खंड का रिजल्ट आते-आते द्वितीय खंड की परीक्षा का समय हो जाता है […]
हाजीपुर : स्नातक एवं इंटर मीडिएट परीक्षा की तिथि की घोषणा तो हो गयी, लेकिन कॉलेज में छात्र-छात्राओं का कोर्स पूरा नहीं हो पाया है, जिससे वे परेशान हैं. सबसे बुरा हाल स्नातक के छात्र-छात्राओं का है.
उनका कहना है कि प्रथम खंड का रिजल्ट आते-आते द्वितीय खंड की परीक्षा का समय हो जाता है और द्वितीय खंड का रिजल्ट निकलने तक तृतीय खंड के परीक्षा का.इससे न तो समय पर नामांकन हो पाता है और न वर्ग संचालन. परीक्षा को लेकर कोर्स पूरा नहीं होने से कॉलेज कैंपस में छात्र-छात्राओं की परेशानी बढ़ गयी है.
शिक्षकों से मार्ग दर्शन के लिए उनकी भीड़ बनी रहती है. गेस पेपर, पासपोर्ट व गेस प्रश्न पत्र आदि को लेकर वे भटक रहे हैं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि क्या पढ़ें. हालांकि कॉलेजों में शिक्षक मदद करते हैं लेकिन वे निराश भी दिखते हैं. लगभग सभी कॉलेजों की स्थिति एक जैसी है. शिक्षकों एवं कॉलेज प्रबंधकों का कहना है कि नियमित वर्ग संचालन तो होता है लेकिन सत्र के पीछे रहने से परेशानी बढ़ जाती है. प्रथम खंड की पढ़ाई तो बच्चे कर लेते हैं, लेकिन द्वितीय एवं तृतीय खंड के वर्ग संचालन में कठिनाई होती हैं. वैसे धीरे-धीरे स्थिति सुधर रही है. स्थानीय देवचंद कॉलेज में बच्चों के बीच अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई है.
छात्र अंक पत्र नहीं मिलने से परेशान हैं. कॉलेज में द्वितीय खंड के 65 से ऊपर और प्रथम खंड में 100 से अधिक छात्र-छात्राओं का अंक पत्र अभी तक नहीं मिला, जिससे परीक्षा प्रपत्र भरने से वंचित हो गये. मालूम हो कि इंटर मीडिएट की परीक्षा 18 फरवरी से घोषित है. जांच और प्रायोगिक परीक्षा कॉलेजों में शुरू हो गयी हैं, लेकिन सेलेबस नहीं पूरा होने के कारण छात्र-छात्राओं को परेशानी हो रही हैं. छात्र-छात्राओं का कहना है कि कॉलेज में कुछ विषयों को छोड़ कर वर्ग संचालन नहीं हुआ और न सेलेबस की जानकारी ही दी गयी, जबकि शिक्षकों कहना है कि जो बच्चे नियमित रूप से कॉलेज आते थे उनका कोर्स भी कंपलीट है और उन्हें सेलेबस की जानकारी भी है.
क्या कहते हैं छात्र-छात्राएं व शिक्षक
स्नातक द्वितीय खंड की परीक्षा की तैयारी तो की है, लेकिन कॉलेज में वर्ग संचालन नहीं होने से कोर्स कंपलीट नहीं हो सका, जिससे परेशानी बढ़ गयी है. शिक्षक वर्ग संचालन में रुचि ही नहीं दिखाते हैं.
विकास कुमार, छात्र एसएनएस कॉलेज
अंकपत्र के नहीं मिलने से तृतीय खंड का परीक्षा प्रपत्र नहीं भर सका. कॉलेज में न तो पढ़ाई होती है और न इसके लिए शिक्षक रुचि दिखाते हैं. सत्र भी काफी पीछे चल रहा है. रिजल्ट आते-आते परीक्षा का समय हो जाता है.
समीर कुमार, देवचंद कॉलेज
कोर्स कंपलीट नहीं होने से परेशानी हो रही है. वैसे तो कोचिंग और सेल्फ स्टडीज से परीक्षा की तैयारी की है. वर्ग संचालन तो होता है, लेकिन सभी विषयों का नहीं. हालांकि शिक्षक मदद करते हैं. गेस पेपर खरीदा है, ताकि पैटर्न की जानकारी हो सके.
पूनम कुमारी, छात्र, महिला कॉलेज
कॉलेज प्रबंधन का पूरा प्रयास होता है कि बच्चों का कोर्स कंपलीट हो. स्नातक के द्वितीय एवं तृतीय खंड के सत्र पीछे रहने से परेशानी तो होती है, लेकिन जितना संभव होता है, वर्ग संचालन कर कोर्स कंपलीट कराने का प्रयास किया जाता है. रिजल्ट देर से निकलने के कारण समस्या बढ़ जाती है. इंटर का नियमित वर्ग संचालन होता और कोर्स भी कंपलीट है.
डॉ. विद्याशंकर सिंह, प्राचार्य एसएनएस कॉलेज
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