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पहले मानवता को शर्मसार किया फिर मां की ममता का कत्ल कर डाला

हाजीपुर/भगवानपुर : पहली बार बंगाल की लाडली वैशाली आयी थी. मन में विश्वास व आशा थी कि यहीं पढ़ेंगे और मां के साथ जिंदगी गुजारेंगे. वह भाई-बहन के साथ खुशी-खुशी रहती थी. कभी-कभी मां के काम में भी हाथ बंटाने की कोशिश करती थी. लेकिन ये सब बातें अब सिर्फ यादों की गठरी में बंध […]

हाजीपुर/भगवानपुर : पहली बार बंगाल की लाडली वैशाली आयी थी. मन में विश्वास व आशा थी कि यहीं पढ़ेंगे और मां के साथ जिंदगी गुजारेंगे. वह भाई-बहन के साथ खुशी-खुशी रहती थी. कभी-कभी मां के काम में भी हाथ बंटाने की कोशिश करती थी.
लेकिन ये सब बातें अब सिर्फ यादों की गठरी में बंध कर रह गयी है. यह मार्मिक कहानी सात वर्षीया बच्ची की है, जो अब इस दुनिया में नहीं है. मासूम पश्चिम बंगाल की रहनेवाली थी. एक माह पहले वह मां के साथ सराय आयी थी. उस पर किसी हैवान की काली नजर पड़ी, तो न सिर्फ मानवता को शर्मसार किया, बल्कि एक मां की ममता का ही कत्ल कर डाला.
भाई ने दिया कंधा : चार दिन पहले तक भाई की प्यारी बहन उसकी गोद में हंसती-खेलती थी. सुबह से शाम तक सीता अपने भाई के कंधे पर चढ़ कर हाट-बाजार घूमती थी. लेकिन काल ने ऐसी दस्तक दी कि आज उसी बहन की अरथी को अपने कंधे पर भाई को उठाना पड़ा.
तीन दिन तक खोजती रही मां : अपनी बेटी को ढूंढ़ने की खातिर मां ने तीन दिन तक भूखे प्यासे गांव-गांव तक दौड़ती रही. सबसे छोटी पुत्री थी. घर के सभी सदस्य सीता को खूब प्यार करते थे. जब वह गुम हुई, तो उस बच्ची की मां, बहन, भाई एवं बुआ ने खाना-पीना तक छोड़ दिया. इसके बाद जब उस बच्ची की लाश मिली, तो पूरे परिवार के पांव तले जमीन खिसक गयी. सभी कलेजा पीट-पीट कर चीखते रहे.
पिता की मौत से टूट चुका था परिवार : सराय हाट पर रैन बसेरा बना कर तुलसी सिंह का परिवार बसा है. साल भर पहले भगवंता देवी के पति तुलसी सिंह की मौत बीमारी के कारण हो गयी थी. उसके बाद इस परिवार पर मुसीबत आ पड़ी. लेकिन मेहनत की बदौलत बेबस महिला ने अपने सभी बच्चों का पालन-पोषण किया. भगवंता देवी ने बताया कि तीन पुत्री एवं एक पुत्र के साथ सराय में हाट के पास कई वर्षो से रहती है. वह सभी लोग फूल-पत्ती एवं कपड़ा बेच कर परिवार चलाता है.
क्या है पूरा घटनाक्रम : दिन गुरुवार,18 दिसंबर, समय आठ बजे. हर रोज की भांति सीता सराय बाजार पर ही थी. उसके परिवार के लोग अपने काम में व्यस्त थे. काफी देर तक जब बच्ची को किसी ने नहीं देखा, तो बाजार के आसपास खोजबीन की. परंतु वह नहीं मिली. अंत में बच्ची की मां ने सराय थाने को इस बात की जानकारी दी. साथ ही सीमावर्ती थाने में भी सूचना दे दी गयी. मगर कोई सुराग नहीं मिला. आखिर वही हुआ, जिसका डर पूरे परिवार को था. रविवार की सुबह 10.15 बजे दामोदरपुर गांव की झाड़ी में सीता की लाश मिली.
क्या कहते हैं कि प्रत्यक्षदर्शी
रविवार की सुबह जब बच्ची की लाश मिली, तो दर्जनों लोग घटनास्थल पर पहुंच गये. कानों-कान बात फैल गयी कि मासूम बच्ची की हत्या से पहले उसके साथ दुष्कर्म किया गया है. मृतका के चाचा विश्रम सिंह ने बताया कि मेरी भतीजी को पहले अपहरण किया गया. उसके बाद अनैतिक कार्य किया गया. फिर साक्ष्य छुपाने के प्रयास में उसकी हत्या कर शव झाड़ी में फेंक दिया गया.

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