दिन में राहत पर शाम होते ही बढ़ती कनकनी से घरों में दुबक रहे लोग

हाजीपुर : कड़ाके की ठंड पड़ने से जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार पारा गिरने से इस मौसम में गरीबों, बुजुर्गो व बच्चों को खासी परेशानी हो रही है. ठंड को बढ़ता देख शहर में अलाव जलाने की संख्या नगर पर्षद द्वारा सोमवार से बढ़ायी गयी है. मालूम हो कि पहले मात्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2014 8:51 AM
हाजीपुर : कड़ाके की ठंड पड़ने से जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार पारा गिरने से इस मौसम में गरीबों, बुजुर्गो व बच्चों को खासी परेशानी हो रही है.
ठंड को बढ़ता देख शहर में अलाव जलाने की संख्या नगर पर्षद द्वारा सोमवार से बढ़ायी गयी है. मालूम हो कि पहले मात्र छह जगहों पर मात्र 25 किलो ही अलाव जलाये जा रहे थे, लेकिन अब शहर में 15 जगहों पर 40 किलो के अलाव जलाये जा रहे है. रिक्शा-ठेलाचालक,गरीब व चौक-चौराहों के दुकानदारों को इससे काफी मदद मिलेगी और ठंड से कुछ हद तक राहत भी.
दिन में खिली धूप पर शाम में बढ़ी कनकनी : ठंड से सभी परेशान हैं. दिन में धूप खिलने से थोड़ी राहत मिली, लेकिन शाम में पछुआ हवा ने ठंड की कंपकपी और बढ़ा दी है. कुहासा और ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोग घरों में दुबके रहने पर विवश हैं. जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकल रहे है. सबसे ज्यादा परेशानी दैनिक मजदूरी करने वालों एवं सरकारी नौकरी करने वालों को हो रही है.
अलाव स्थल व मात्र बढ़ाने की मांग : नगर की सार्वजनिक जगहों पर अलाव की व्यवस्था करने की मांग की गयी है, लेकिन किसी-किसी चौक-चौराहों व सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था नहीं होने से लोगों में आक्रोश है. लोगों का कहना है कि सरकार प्रतिवर्ष लाखों रुपये जन कल्याणकारी योजना के लिए खर्च करती है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की उदासीनता से रुपये कागज पर खर्च दिखा दिये जाते हैं. शाम होते ही लोग निजी रूप से अलाव की व्यवस्था में जुट जाते हैं. किसी तरह अलाव की व्यवस्था कर गरमी पाने का प्रयास करते है. रिक्शाचालक हो या यात्राी उनकी नजर चौक-चौराहों पर अलाव की खोज करती रहती है.
शाम होते ही सड़कें हो रहीं वीरान : ठंड को लेकर शाम होते ही सड़कें वीरान हो जा रही है. काम-धंधा मंदा है. व्यवसायी दुकानों-प्रतिष्ठानों पर केवल बैठ कर चले जाते हैं. कुछ दुकानें जरूर हैं, जहां ग्राहकों की भीड़ लग रही है, वह हं न्यू ईयर कार्ड की दुकानें. अभी ग्राहक कम हैं, लेकिन दुकानदारों का मानना है कि बिक्री में तेजी आयेगी. कपड़ा व्यवसायी विजय कु मार बताते हैं कि अभी केवल गरम कपड़ों की ही बिक्री हो रही है. खरमास के कारण अभी धंधा मंदा है. 14 जनवरी के बाद ही तेजी आयेगी.
इन जगहों पर जल रहा है अलाव
राजेंद्र चौक स्टेशन चौक
अनवरपुर चौक गांधी चौक
मड़ई चौक पासवान चौक
गल्र्स हाइ स्कूल के पास महिला कॉलेज के पास
जढुआ बाजार अंजान पीर चौक
मसजिद चौक सदर अस्पताल
रैन बसेरा जौहरी बाजार
सुभाष चौक
क्या कहते हैं अधिकारी
ठंड को बढ़ता देख शहर में वजन व अलाव की जगह बढ़ायी गयी है. जरूरत पड़ी तो और भी व्यवस्था बढ़ायी जायेगी. अलाव जलाने के स्थलों पर लगातार निरीक्षण कर इसकी मॉनीटरिंग की जा रही है.
नीरज कुमार दास,नगर कार्यपालक पदाधिकारी
क्या कहती है आम जनता व गरीब
शाम होते ही ठंड का प्रकोप बढ़ जाता है. प्रशासनिक स्तर पर अलाव की व्यवस्था सही ढंग से नहीं की गयी है, जिससे परेशानी बढ़ गयी है. आखिर कमाऊंगा नहीं तो खाऊंगा क्या. वैसे गरीब बस्तियों में भी अलाव की व्यवस्था होनी चाहिए. शिव बालक, दैनिक मजदूर
शाम होते ही हवा से कंपकपी बढ़ गयी है. काम पर जाने में परेशानी हो जाती है. बच्चों का विशेष ख्याल रखना पड़ता है. काम से छूटते ही घर का रुख करना पड़ता है. इससे दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गयी है. काम में भी बाधा आ रही है.
सोनेलाल, दैनिक मजदूर
अभी धंधा मंदा चल रहा है. खरमास के बाद बिक्री में तेजी आयेगी. गरमकपड़ों बिक्री तो हो रही, लेकिन कम. नगर में कहीं -कहीं अलाव की व्यवस्था नहीं होने से दैनिक मजदूरों व यात्राियों को परेशानी हो रही है. इससे दुकान में बिक्री पर भी असर पड़ रहा है.
सोनू क्याल, कपड़ा व्यवसायी
ट्रेनें लेट से चल रही हैं. शाम में कनकनी बढ़ गयी है. ठंड से परेशानी है, लेकिन ट्रेन का इंतजार तो करना पड़ेगा ही. मुख्य चौक-चौराहे विशेष कर स्टेशन परिसर और प्लेटफॉर्म पर भी अलाव की व्यवस्था होनी ही चाहिए. गरीबों को ज्यादा परेशानी दिखती है.
कमलेश सिंह, दैनिक रेलयात्री

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