संक्रांति आते ही आकाश में छटा बिखरने लगीं पतंगें
हाजीपुर : पतंग की सतरंगी छटा आसमान पर खिल रही हैं. बाजारों में पतंग की अनेक दुकानें सजी हैं जहां बच्चों और युवाओं की भीड़ बनी रहती है. मकर संक्रांति पर पतंगबाजी की पुरानी परंपरा है. मकर संक्रांति में एक सप्ताह है लेकिन बच्चों और युवाओं का उत्साह अभी से ही उमड़ रही हैं. धागे […]
हाजीपुर : पतंग की सतरंगी छटा आसमान पर खिल रही हैं. बाजारों में पतंग की अनेक दुकानें सजी हैं जहां बच्चों और युवाओं की भीड़ बनी रहती है. मकर संक्रांति पर पतंगबाजी की पुरानी परंपरा है. मकर संक्रांति में एक सप्ताह है लेकिन बच्चों और युवाओं का उत्साह अभी से ही उमड़ रही हैं.
धागे को तैयार करना, लेटाई की मरम्मत और पतंग के चुनाव में जुट गये हैं. बच्चे और युवा उत्साहित तो हैं ही, बड़े-बुजुर्ग भी इसके आकर्षण में बंधे हैं. जानकार बताते हैं कि पतंग बाजी पर्व के उत्साह को बढ़ाता है साथ संस्कृति की छटा भी बिखेरता है.
विदेशों में भी होती है पतंग : पतंगबाजी को लेकर लोगों की अलग-अलग मान्यताएं है. इस अवसर पर देश के अलावे विदेशों में भी पतंगबाजी की जाती हैं. कुछ लोगों का मानना कि इससे शरीर का व्यायाम होता है जो मौसम के कुप्रभावों को कम करता है. कुछ लोगों का मानना है सूर्य के प्रकाश से अनेक रोगों की समाप्ति हो जाती है तो कुछ लोग बताते है संक्रांति काल में सूर्य की प्रकाश में विटामिन डी की मात्र अधिक होती है जो शरीर के लिए लाभदायक होती है. अध्यात्म से जुड़े लोगों का मानना है डोर कटने से पहले परमात्मा से मिलन हो जाये. जीवन की डोर की ऐसा मंझा करो कि सारा वैमनस्य मिट जाये.
पतंगबाजी के लिए क्या है आवश्यक लटाई, धागा और पतंग की आवश्यकता होती हैं.
धागा तैयार करने में लेई, सीसा बुरादा. धागा और पतंग खुद तैयार किया जाये अथवा बाजार से खरीदते है कला कौशल की निपुणता.
बाजारों का आकर्षण
पंतग की अनेक स्थायी और अस्थायी दुकानों पर पतंग की आकर्षक सजावट
रंग-बिरंगे पतंग, सीसा युक्त धागा और लेटाई की अनेक डिजाइन.
राजनीतिज्ञों, फिल्म कलाकारों एवं काटरून युक्त पतंगे.
बच्चों का काटरून छोटा भीम, डॉरिमॉन, आदि है पतंग का आकर्षण
क्या है कीमत
पतंग -12,24 एवं 60 रुपये का एक दर्जन
सीसा युक्त धागा -25 रुपये से 75 तक
धागा युक्त लेटाई- 45 से 150 रुपये तक
केवल लेटाई – 30 रुपये 250 तक
बरतें सावधानी
पतंगबाजी को लेकर सावधानी बरतना आवश्यक है अन्यथा उत्साह का रंग फीका हो सकता है. विशेष कर युवा और बच्चे सावधानी बरतें.
पतंग बाजी के लिए खुले जगह का चुनाव करें. मैदान हो तो अच्छा होगा. बिना चहारदीवारी वाले घर की छत पर पतंग न उड़ाये. चहारदीवारी वाले घर की छत पर भी सावधानी बरतें. पतंग की डोर कटने पर अचानक दौड़ न लगावें विवाद से बच कर रहें. सहपाठियों से प्रेम व सौहार्द बनाये रखें.
बड़े बुजुर्ग के दिशा-निर्देश का पालन करें. प्रयास करें कि आपके पतंगबाजी से लोग परेशान न हो.
क्या कहते है जानकार
संस्कृति का आनंद अलग होता है. ऋषि-मुनियों व पूर्वजों ने आत्मोन्नति के लिए जो व्यवस्था बनायी है उसका अध्यात्मिक लाभ उठाना चाहिए. यह उत्साह पारस्परिक सौहादे और जीवन में मधुरता भरने का संदेश् देता है. संक्रांति काल अध्यात्म के लिए अच्छा अवसर है. जीवन की डोर का ऐसा मंझा करें कि सारा वैमनस्ट मिट जाये. आसमान में उड़ते हुए पतंग की छटा मन को रोमांचित करती है.
इस बार विशेष तैयारी की है. मन पसंद पतंग लाउंगा और सहपाठियों के साथ खूब मस्ती करुंगा. तील के लड्डू काफी पसंद है. इस बार पतंग काटने की योजना बनायी है. पतंग काटकर चकित कर दूंगा.
पतंग उड़ते देखना अच्छा लगता है. पढ़ाई से फुरसत ही नहीं मिलती है. मकर संक्रांति के दिन सहपाठियों की पतंगबाजी में शामिल हो जाता हूं. खेलना अच्छा है लेकिन पढ़ाई भी जरूरी हैं. बोर्ड की परीक्षा है जिसकी तैयारी अच्छे से करना चाहता हूं.
शशि भूषण, छात्र
पापा से पतंग मंगवाउंगा. अभी से ही पतंगबाजी की तैयारी कर रहा हूं. खुद धागा तैयार कर रहा हूं. सीसा का बुरादा और गोंद तैयार किया हैं. मंझा कर खूब पतंग काटूंगा. पतंबागजी में खूब आनंद आता है. अभी पढ़ाई का कोई टेंशन नहीं हैं. अच्छे नंबर से पास करता हूं.
विक्की, छात्र