पति की मौत के 30 वर्ष तक ग्रहण नहीं किया अन्न

12 वर्ष की उम्र में हो गयी थी शादी वैशाली जिले में एक महिला की इच्छा शक्ति देखते ही हर किसी के अंदर आदर व सम्मान की भावना उभर आती है. पति के प्रति त्याग व तपस्या के साथ अपने आप को समर्पित करने वाली किरण देवी ने 30 साल तक अन्न का एक दाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2015 8:33 AM

12 वर्ष की उम्र में हो गयी थी शादी

वैशाली जिले में एक महिला की इच्छा शक्ति देखते ही हर किसी के अंदर आदर व सम्मान की भावना उभर आती है. पति के प्रति त्याग व तपस्या के साथ अपने आप को समर्पित करने वाली किरण देवी ने 30 साल तक अन्न का एक दाना भी ग्रहण नहीं किया.

गांव में आज वह साक्षात देवी मानी जाती हैं. कलियुग में पति को परमेश्वर मानने वाली इस महिला ने एक इतिहास रच दिया है.

हाजीपुर :पति की वियोग में एक महिला ने 30 वर्षो तक खाना नहीं खाया. अपने पति की मौत से आहत किरण ने सिर्फ चाय व पानी के सहारे जिंदा रहने ठान ली. इस संकल्पित 45 वर्षीया महिला के तप और त्याग से हर कोई हैरत में है. अब तक महिला को कोई बीमारी नहीं हुई. वह पूरी तरह स्वस्थ रही है. गांव व घर में चाय वाली चाची और चाय वाली दादी के नाम से जानी जाती हैं.

इतने लंबे समय से अन्न ग्रहण नहीं करने से इस त्यागी महिला को टीबी रोग ने चपेट में ले लिया है. इसलिए 30 सालबाद डॉक्टरी परामर्श से करीब दो माह से अल्पाहार लेने लगी हैं.

क्यों त्याग दिया महिला ने अन्न : हाजीपुर सदर थाना क्षेत्र के श्रीरामपुर गांव के उपेंद्र सिंह से किरण की शादी वर्ष 1981 में हुई थी. परिणय सूत्र में बंधने के महज चार साल बाद ही जॉडिंस बीमारी से पीड़ित उसके पति की मौत वर्ष 1985 में हो गयी. उसके बाद से इस विधवा ने जब खाना खाया तो लगातार उलटी होने लगी. एक दो बार ऐसा होने के बाद किरण के अंदर खाने की इच्छा ही खत्म होती चली गयी और अंतत: उसने खाना ही छोड़ दिया.

ससुर की तमन्ना नहीं कर सकी पूरी : किरण देवी के ससुर राजदेव सिंह की मृत्यु 10 वर्ष पूर्व हुई थी. पुत्र की मौत से आहत राजदेव सिंह हर दिन अपनी बहू को खाना खाने को कहते थे, मगर किरण देवी अपनी प्रतिज्ञा पर अडिग रही.

हालांकि इस महिला ने जब डॉक्टर के कहने पर करीब दो महीने पहले अन्न ग्रहण करना शुरू किया, तो ससुर की अभिलाषा को पूरा नहीं करने का गम उनकी आंखों से छलक गया. सराय के सरसईं गांव निवासी स्व. अर्जुन तिवारी एवं स्व. देववती देवी की तीसरी संतान किरण देवी है. वह महज 12 वर्ष की उम्र में दुल्हन बन गयी थी.

किरण को जकड़ लिया टीबी रोग : लगातार 30 वर्ष तक अन्न नहीं खाने के कारण किरण देवी को टीबी रोग चपेट में ले लिया है. परिवार के लोगों इलाज कराया तो चिकित्सकों ने सही समय पर खाना-खाने की सलाह दी. कई वर्षो से वह इस रोग से ग्रसित हैं. मगर अपने प्रण को नहीं तोड़ने के ख्याल से इस बात को किसी से नहीं बता रही थी. लेकिन दिन-प्रतिदिन गिरते स्वास्थ्य से शरीर के कमजोर होने पर परिजनों ने ध्यान दिया और इलाज कराया तब खुलासा हुआ कि उसे टीबी रोग ने बुरी तरह चपेट में ले लिया है.

क्या कहते हैं इलाज करनेवाले डॉक्टर

किरण देवी को टीबी की बीमारी है. जांच में इसके साबित होने के बाद इलाज किया जा रहा है. इस बीमारी में पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है. दबाव बना कर अन्न ग्रहण शुरू कराया गया है और अब सुधार है. अधिक दिनों तक आहार नहीं ले पाने से ही यह बीमारी हुई है.

डॉ. एके झा, फिजीसियन

क्या कहते हैं महिला के परिजन

किरण देवी मेरी भाभी हैं. वर्ष 1985 के बाद अभी हाल में अन्न ग्रहण शुरू किया है, वह भी डॉक्टर के दबाव बनाने पर. लेकिन अब भी बार-बार नहीं खाने की जिद करने लगती हैं. इनके त्याग और तपस्या से हम सब लोग काफी प्रभावित हैं.

हरेंद्र सिंह, देवर

क्या कहते हैं ग्रामीण

किरण देवी के तप व त्याग से गांव के हर लोग हैरत में है. इतने दिनों से बगैर अन्न के जीवित रहना ईश्वर की लीला है. गांव में हम लोग उन्हें चायवाली चाची एवं बच्चे चायवाली दादी कहते हैं. हर कोई उनसे यह राज जानने को उत्सुक रहता है कि आखिर वह अपने हठ को किस तरह पूरा कर रही हैं.

मनोज कुमार तिवारी,पंसस

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