गांधी के सत्याग्रह के तर्ज पर बच्चे कर रहे अनशन

हाजीपुर : छोटे-छोटे बच्चे हाड़ कंपा देनेवाली ठंड में टेंट में बैठ कर अनशन कर रहे हैं और जिले के आलाधिकारी चुप हैं. सहदेई बुजुर्ग प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय डुमरी के छोटे-छोटे बच्चे विद्यालय की शिक्षा को बचाने के लिए अनशन पर बैठे हैं. वर्ग चार का आनंद मोहन और वर्ग तीन की पलक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2015 8:35 AM
हाजीपुर : छोटे-छोटे बच्चे हाड़ कंपा देनेवाली ठंड में टेंट में बैठ कर अनशन कर रहे हैं और जिले के आलाधिकारी चुप हैं. सहदेई बुजुर्ग प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय डुमरी के छोटे-छोटे बच्चे विद्यालय की शिक्षा को बचाने के लिए अनशन पर बैठे हैं.
वर्ग चार का आनंद मोहन और वर्ग तीन की पलक कुमारी, वर्ग सात की साक्षी कुमारी, पांच की तन्नु कुमारी, आठ की प्रिया कुमारी, छह की श्रेया कुमारी, पांच की शिवानी कुमारी और दीक्षा कुमारी, आठ का शुभम, रिशु, छह का अविनाश अपने विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था को बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं.
अनशन कर रहे बच्चों का नेतृत्व विद्यालय की सचिव सुधा कुमारी कर रही हैं. चार दिन बीत गये, लेकिन अभी तक किसी अधिकारी ने इन बच्चों की सुध लेने की जहमत नहीं उठायी है. जब काफी शोर हुआ तो प्रखंड के प्रभारी चिकित्सक आये और बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कर चले गये. लोग जब बच्चों से अनशन समाप्त करने की बात कहते हैं तो उनके मुंह पर एक ही शब्द आ रहा है, नहीं.
विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था बहाल होगी, तो वे अनशन को समाप्त कर देंगे. बच्चों की जिद के आगे सभी नतमस्तक हैं. सबसे खराब हालत तो इन बच्चों की मांओं की है, जिन्होंने सभी से गरमी में अनशन करने की बात कही, लेकिन बच्चे कहते हैं क्या ठंड और क्या गरमी. शिक्षा अति आवश्यक है.बच्चों ने जिद ठान ली है कि उन्होंने गलत नहीं किया है, तो उन्हें सजा क्यों दी जा रही है.
उनके माता-पिता पर शिक्षकों ने गलत मुकदमा दायर करा दिया है. उन लोगों ने विद्यालय में अनियमितता को समाप्त करने और शिक्षा व्यवस्था को बहाल करने की मांग की थी, लेकिन हुआ उलटा. उनके अभिभावकों पर प्राथमिकी दर्ज कर दी गयी.पुलिस ने जब दबिश बनायी, तो सभी ग्रामीण घबरा गये.क्या शिक्षा मांगना गुनाह है. इसके बाद बाल मन ने कहा कि अब एक ही रास्ता बचता है वह गांधी वादी सत्याग्रह. एक स्वर से स्कूल के सभी बच्चों ने गांधी के सत्याग्रह को अपना लिया और ठंड की परवाह न करते हुए सत्याग्रह अर्थात अनशन शुरू कर दिया.
अनशन लगातार जारी है. बच्चे कहते हैं कि जब तक उनकी बात नहींमानी जायेगी, वे अनशन जारी रखेंगे. रात होते ही ग्रामीण आ जाते हैं. वह भी केवल सुरक्षा के लिए. सभी चकित हैं बच्चों के साहस को देख कर.
आखिर इन बच्चों को किसने यह सीख दे दी. बच्चे कहते हैं कि पुस्तकों में लिखा है कि जब गलत होता था तो गांधी जी अनशन करने लगते थे. इसलिए वे भी विद्यालय में गलत होता देख कर अनशन पर बैठे हैं. इन बच्चों के हाथों में उनकी मांगों की लिखी तख्तियां हैं, जिन पर शिक्षा की बात लिखी है.नन्हा आनंद भाषण भी दे रहा है. बच्चों में पूरा जोश है.

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