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बंद नहीं हो रहा अवैध शराब का धंधा

हाजीपुर : वैशाली जिले के हर इलाके में देसी शराब का अवैध धंधा किया जा रहा है. हर रोज तकरीबन पचास लाख का कारोबार किया जाता है. इतने बड़े पैमाने पर हो अवैध कारोबार को रोकने में उत्पाद विभाग पूरी तरह विफल नजर आ रहा है. पान की दुकान से लेकर किराना दुकान, चाय दुकान […]

हाजीपुर : वैशाली जिले के हर इलाके में देसी शराब का अवैध धंधा किया जा रहा है. हर रोज तकरीबन पचास लाख का कारोबार किया जाता है. इतने बड़े पैमाने पर हो अवैध कारोबार को रोकने में उत्पाद विभाग पूरी तरह विफल नजर आ रहा है.
पान की दुकान से लेकर किराना दुकान, चाय दुकान और अन्य जगहों पर धड़ल्ले से देसी शराब की बिक्री होने की चर्चा है. इसके अलावा जिले में इस तरह के दारू बनाने का काम भी चरम पर बताया जाता है. हर प्रखंड क्षेत्र में देशी दारू बनाने का फैक्टरी होने की सूचना आ रही है. जहां हर रोज सैकड़ों लीटर स्पिरिट खपत की जा रही है. घटिया किस्म के इस शराब का बाजार धीरे-धीरे काफी गरम होता जा रहा है. परिणाम स्वरूप इसका अवैध कारोबार करने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है.
कहां-कहां चलता है जोरों पर धंधा : जिले के महुआ, राघोपुर, बेलसर,गोरौल, पातेपुर, जंदाहा, बिदुपुर,लालगंज, भगवानपुर, महनार, देसरी,सहदेई, राजापाकर, चेहराकलां, वैशाली और हाजीपुर प्रखंड क्षेत्र में दर्जनों फैक्टरी चलाये जाने की चर्चा है. जहां पर अवैध ढंग से देसी शराब बनाया जाता है. बताया गया है कि बगैर लाइसेंस का शराब फैक्टरी चलाने वाला उत्पाद विभाग के छापेमारी दल को नजराना देकर अपना अवैध कारोबार को बेरोक -टोक के चला रहे हैं.
चरम पर है हाजीपुर में अवैध धंधा : शहर में उत्पाद विभाग के नाक के नीचे अवैध ढंग से देसी शराब की बिक्री होने की खबर मिल रही है. बताया जाता है कि से यह कारोबार बढ़ता जा रहा है. हाजीपुर में कई जगहों पर देसी शराब की फैक्टरी भी चलने की खबर है.
पहले भी कई पुलिस द्वारा कई अवैध फैक्टरी को ध्वस्त किया गया है. इसके बावजूद इस तरह के अवैध कारोबार पर रोक लगा पाना उत्पाद विभाग के लिए मुश्किल दिख रहा है. बताया जाता है कि हाजीपुर के नगर एवं सदर इलाके में कई अडडे हैं जहां शराब की अवैध बिक्री होती है.
मालूम हो कि गुदरी बाजार, बाजार समिति, चौहट्टा, पासवान चौक, सुभाष चौक, मसजिद चौक, कोनहारा घाट, दिग्घी पूर्वी पश्चिमी, गांधी आश्रम, अंजानपीर, बागमुसा, अनवरपुर सहित अन्य जगहों पर यह धंधा चलाये जाने की सूचना है.
मजदूर वर्ग पर पड़ता है खास असर : देशी शराब के सेवन से सेहत पर काफी असर पड़ता है. लगातार देसी शराब पीने से लीवर कैंसर एवं पेट में कई अन्य भयंकर बीमारी पैदा होती है. बताया जाता है कि इस दारू का ग्राहक खास तौर पर मजदूर वर्ग के लोग होते हैं. जो दिन भर की मजदूरी नशा करने में उड़ाते हैं.
जिले में पंद्रह से अधिक लोग मरे : वर्ष 2014 में वैशाली जिले के विभिन्न गांव में कुल तीन दर्जन से अधिक मजदूरों देसी शराब पीने से मौत हो गयी थी. बताया जाता है कि इस तरह के शराब को बनाने के लिए बड़े मात्र में स्पिरिट का प्रयोग किया जाता है. जो सेहत के लिए खतरनाक होता है. बताया जाता है कि इस अवैध धंधे के लिए स्पिरिट की आपूर्ति में कुछ विभागीय कर्मियों की संलिप्तता है.
क्या कहते हैं उत्पाद अधिकारी
अवैध कारोबार करने वाले तथा फैक्टरी चलाने वालों के खिलाफ टीम द्वारा छापेमारी की गयी है. कइयों को गत दिनों पकड़ा भी गया है. कई अवैध फैक्टरियों को ध्वस्त भी किया गया है. सप्ताह में तीन-चार दिन विशेष रूप से छापेमारी की जाती है. हाल के दिनों में भी कई जगहों से धंधेबाजों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
अरविंद कुमार, उत्पाद अधीक्षक

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