घाटों पर उमड़ेगी भीड़

हाजीपुर : मकर संक्रांति का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है. इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इस काल में स्नान और दान देने का विशेष महत्व है. पंडित प्रमोद झा बताते हैं मकर संक्रांति में गंगा स्नान और तिल, गुड़ और दही का दान करने से ऐश्वर्य और सफलता की प्राप्ति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2015 8:21 AM
हाजीपुर : मकर संक्रांति का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है. इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इस काल में स्नान और दान देने का विशेष महत्व है.
पंडित प्रमोद झा बताते हैं मकर संक्रांति में गंगा स्नान और तिल, गुड़ और दही का दान करने से ऐश्वर्य और सफलता की प्राप्ति होती है. इस दिन गाय का दान भी किया जाता है. श्री झा कहते है सूर्य प्रत्यक्ष देवता हैं.
इस काल में सूर्य से दिव्य ज्योति निकलती है, जिसके पान से शरीर स्वस्थ रहता है. इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाये जायेगी. इसे खिचड़ी पर्व के रूप में भी मनाते हैं. इस समय नयी फसल तैयार हो जाती है, जिससे चावल, चिउड़ा आदि तैयार कर भगवान को अर्पण करते है और पूजा-अर्चना के बाद इसका उपयोग करते हैं. वैज्ञानिक आधार पर भी इस त्योहार की प्रमाणिकता सिद्ध की गयी है. विटामिन डी का सबसे बड़ा श्रोत सूर्य है. शरीर के लिए विटामिन डी आवश्यक तत्व है.
इस दिन सूर्य के प्रकाश का सेवन करने से प्रचुर मात्र में विटामिन डी की प्राप्ति होती और शरीर निरोग रहता है. साइंस शिक्षक शेखर वर्मा कहते है कि सूर्य के प्रकाश का प्रतिदिन सेवन किया जाये तो बीमारी से दूर रहा जा सकता है. पूरे विश्व में इस त्योहार को लोग अलग-अलग रूपों में मनाते हैं.
संक्रांति की आवासीय परिसरों जम कर तैयारी की गयी है. चीनी और गुड़ पाक की सोंधी खुशबू से आवासीय परिसर सुगंधित हो उठे है. तिल के लड्डू, तिलकुट बनाये जा रहे हैं. चिउड़ा और दही की व्यवस्था की जा रही है. मेहमानों और अतिथियों को नियंत्रण दिया गया है.

Next Article

Exit mobile version