* गर्भ में लड़की देख गर्भपात कराने को कहा
हाजीपुर : डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है, लेकिन उस डॉक्टर के बारे में आप क्या धारणा बनायेंगे, जो अपनी ही पत्नी की जान का प्यासा बना हुआ हो. और वह भी इसलिए कि उसकी पत्नी ने बेटे को जन्म न देकर एक बेटी को जन्म दिया. किसी अशिक्षित परिवार की यह घटना होती तो थोड़ी देर के लिए मान लिया जाता. लेकिन एक एमबीबीएस डॉक्टर के द्वारा पत्नी को बेटा नहीं जनने के कारण बेरहमी से पिटाई एवं कमरे में बंद कर देने की घटना चौंकाती है.
पीड़ित महिला इस मामले को लेकर पुलिस के शरण में है. एमबीबीएस डॉक्टर के खिलाफ उसकी पत्नी ने एफआइआर दर्ज करायी है. चांदपुरा ओपी थाना क्षेत्र के भिखनपुरा गांव निवासी प्रभात कुमार की पुत्री प्रभात गीता निशा की शादी हाजीपुर मड़ई निवासी जयमंगल प्रसाद सिंह के बेटे डॉ पवन के साथ हुई थी. डॉ. पवन सीवान जिले के दरौंदा पीएचसी में पदस्थापित है. शादी छह मार्च, 2011 को हुई थी. जब निशा गर्भवती हुई तब से इस शादी का बंधन कमजोर होने लगा.
निशा के अनुसार डॉक्टर एवं पूरे परिवार की चिंता यह थी कि कहीं उसके गर्भ में बेटी तो नहीं है. इस बात की पुष्टि के लिए उसके पति डॉ. पवन ने उसके पेट में पल रहे बच्चे का लिंग परीक्षण तक करवा दिया. जब लड़की होने की बात पता चली तो सीधे गर्भपात कराने का फरमान जारी कर दिया. निशा ने जब इसका विरोध किया तो पति और सास ने कमरे में बंद कर पिटाई करनी शुरू की.
इस घटना के बाद वह मायके चली आयी और उसने वहीं पर एक बच्ची को जन्म दिया. और बच्ची के जन्म के साथ ही निशा के सामने मुसीबतों का ऐसा दौर शुरू हो गया जो फिलहाल जारी है. निशा ने अपने पति एवं उसके परिजनों के खिलाफ चांदपुर ओपी में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में यह भी कहा कि कई बार इस मसले के हल के लिए सगे–संबंधियों ने सुलह कराने की कोशिश की, लेकिन उसकी ससुरालवाले अपनी ही जिद पर अड़े रहे. निशा के परिजन के अनुसार अब वे बेटी जनने के बदले में रुपये एवं कार की मांग कर रहे हैं. निशा अपने पति की हरकतो को लेकर महनार की डीएसपी कामिनी बाला के यहां शिकायत भी कर चुकी है.
* करायी गर्भ के लिंग की जांच
* इनकार करने पर की पिटाई
* पत्नी ने दिया पुत्री को जन्म
* लड़की जनने के एवज में रुपये व कार की मांग की