फूलगोभी बीज उत्पादन कर संवारी जिंदगी
हाजीपुर : सदर प्रखंड के सेंदुआरी गांव के किसान जगन्नाथ सिंह ने अपनी तकदीर को कड़ी मेहनत एवं अथक प्रयास से बदल डाला. कभी गंभीर आíथक हालात से जूझने वाले इनसान ने आज अपने परिवार को तमाम चीजों से सींच दिया. खुद मैट्रिक तक की पढ़ाई की, मगर अपने पुत्र-पुत्रियों को उच्चतम शिक्षा दिलाने में […]
हाजीपुर : सदर प्रखंड के सेंदुआरी गांव के किसान जगन्नाथ सिंह ने अपनी तकदीर को कड़ी मेहनत एवं अथक प्रयास से बदल डाला. कभी गंभीर आíथक हालात से जूझने वाले इनसान ने आज अपने परिवार को तमाम चीजों से सींच दिया. खुद मैट्रिक तक की पढ़ाई की, मगर अपने पुत्र-पुत्रियों को उच्चतम शिक्षा दिलाने में सफल रहे. लाखों की इनकम का जरिया सिर्फ बीज उत्पादन को बनाया.अपने खेत में विभिन्न सब्जियों के बीज का उत्पादन कर अन्य किसानों के लिए प्रेरक बन गये हैं.
महाराष्ट्र में लिया प्रशिक्षण : जगन्नाथ सिंह ने फूलगोभी के बीज उत्पादन करने के लिए महाराष्ट्र में प्रशिक्षण लिया था. इसके बाद पटना में भी आयोजित प्रशिक्षण शिविर में सब्जी उत्पादन का प्रशिक्षण लिया. इसके बाद अपने व्यवसाय में और तरक्की कर ली. साथ में मवेशी पालन कर दूध उत्पादन भी करते हैं.
पिता के बताये मार्ग पर चलते रहे : सेंदुआरी गांव के स्वर्गीय अयोध्या सिंह के इकलौते पुत्र जगन्नाथ सिंह ने वर्ष 1973 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. इसके बाद अपने पिता के बताये मार्ग पर चल कर खेती-बारी को ही अपना कैरियर समझ लिया. अपनी तीन एकड़ भूमि पर खेती करना आरंभ किया. शुरू में तो काफी परेशानी झेलनी पड़ी, लेकिन हिम्मत नहीं हारी. कम पूंजी से ही बीज उत्पादन क रना आरंभ किया. सबसे पहले फूल गोभी के बीज का उत्पादन किया. इसके बाद अन्य सब्जियों के बीज का भी उत्पादन कर अपने व्यवसाय को बढ़ाया. जगन्नाथ सिंह ने कि बताया उनके पास स्वयं की जमीन तीन एकड़ है. भाई में अकेले है. अपनी सारी जमीन में फूल गोभी के बीज का उत्पादन करते है. प्रति एकड़ पचास हजार रुपये लागत से बीज उत्पादन किया जाता है. कुल मिला कर डेढ़ लाख रुपये लगाये जाते हैं. इससे लागत का चार गुना मुनाफा होना तय माना जाता है.
फूल गोभी में है डबल फायदा : फूल गोभी के बीजारोपण से लेकर बीज तैयार होने में कुल समय छह महीना लगता है. इस बीच में फूलगोभी की बिक्री की जाती है. उसके बाद उसके बीज को तैयार किया जाता है. किसानों के मुताबिक फूल गोभी की खेती में डबल फायदा है. अगर मौसम का सही साथ मिले, तो इससे साल-दर- साल लाखों कमाये जा सकते हैं.
बीज बिक्री का झंझट नहीं : अब किसानों द्वारा बीज उत्पादन करने के बाद एनएचआरडीएफ गांव-गांव से उत्पादित बीज खरीद लेता है. मार्केट से अधिक दाम देकर बीज की खरीदारी होती है. एनएचआरडीएफ ने किसानों को उच्चतम क्वालिटी का बीज भी मुहैया कराता है. किसानों ने बताया कि दस साल पहले तक उनके समक्ष उत्पादन के बाद बीज को बेचने की समस्या थी. बड़े पैमाने पर बीज उत्पादन करने वाले किसानों को काफी नुकसान सहना पड़ता था.बीज को बेचने के लिए विभिन्न बाजारों में भटकना पड़ता था.
कई तरह का करते हैं बीज उत्पादन : साल में सिर्फ छह माह तो फूल गोभी की खेती करते है. लेकिन अन्य महीनों में प्याज, आलू, लौकी ,नेनूआ, भिंडी और बोरी के बीजों का भी उत्पादन करते है. इन सब्जियों के बीज उत्पादन करने में भी एनएचआरडीएफ सहयोग करता है.
बीज उत्पादन पर नहीं है सरकारी अनुदान : सरकार द्वारा बीज उत्पादन पर अनुदान की राशि मुहैया नहीं करायी जाती है, जिसके कारण कम पूंजी वाले किसानों को आज के दौर बीज उत्पादन करना काफी महंगा साबित होता है. किसानों ने बीज उत्पादन पर अनुदान की सुविधा मुहैया कराने की मांग की है.
अपने परिवार को बनाया शिक्षित : जगन्नाथ सिंह खुद तो मैट्रिक पास हैं. मगर अपने दो पुत्र एवं दो पुत्री एवं दोनों बहू को काफी उच्च शिक्षा के लिए काफी खर्च कर चुके है. सब को अच्छे जगह पर पहुंचा दिया है. पुत्र संजय कुमार और अजय कुमार आइटीआइ एवं एमसीए करने के बाद समस्तीपुर और पटना में प्रोफेसर हैं. दोनों पुत्रियां सरिता व बबीता को स्नातक तक की पढ़ाई पूरी करायी है. अपनी एक बहू को राजकीय रेल पुलिस में नौकरी दिलायी है. दूसरी को इंजीनियर बनाया.
क्या कहते हैं किसान
जिस तरह सब्जी बीज उत्पादन में मुनाफा है. अगर सरकार द्वारा अनुदान राशि की व्यवस्था कर दी जाये, तो हर किसान के घर में खुशहाली आ जायेगी. किसानों के लिए बीज उत्पादन करना अब घाटे का सौदा नहीं है. बीज की बिक्री के लिए अब बाजार जाना नहीं पड़ता है.
जगन्नाथ सिंह