प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट होगा अस्तित्व विहीन
भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रस्तावित कानून से रिश्वत को मिल जायेगी कानूनी मान्यता हाजीपुर : केंद्र सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए प्रस्तावित कानून बन जाने के बाद रिश्वत को कानूनी मान्यता मिल जायेगी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट अस्तित्व विहीन हो जायेगा. प्रस्तावित कानून के मसौदा के एक अंश को प्रकाशित किये जाने […]
भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रस्तावित कानून से रिश्वत को मिल जायेगी कानूनी मान्यता
हाजीपुर : केंद्र सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए प्रस्तावित कानून बन जाने के बाद रिश्वत को कानूनी मान्यता मिल जायेगी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट अस्तित्व विहीन हो जायेगा. प्रस्तावित कानून के मसौदा के एक अंश को प्रकाशित किये जाने के बाद नागरिकों एवं विधि जानकारों ने प्रस्तावित कानून को प्रतिगामी बताते हुए कहा कि भ्रष्टाचार का समूल नाश के चुनावी वादे के साथ सत्तासीन मोदी सरकार का यह कदम जन विरोधी है.
क्या कहता है प्रस्ताव : प्रिवेंशन ऑफ करप्शन बिल के अनुसार अगर किसी सरकारी कर्मचारी ने अनुचित काम करने के बदले रिश्वत ली, तो उसे दंड दिया जायेगा.
क्या है मौजूदा कानून : प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 में कहा गया है कि वैध शुल्क के अलावा कोई भी चीज रिश्वत मानी जायेगी.
क्या कहते हैं विधि विशेषज्ञ
प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 के माध्यम से राष्ट्र में व्याप्त भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए गठित विशेष न्यायालय तथा उक्त अपराध के तहत विचारणीय अभियुक्तों के संदर्भ में प्रस्तावित कानून में कोई टिप्पणी नहीं है. इस प्रस्ताव के कानून बनने के बाद सरकारी कर्मचारियों द्वारा रिश्वत लेना आम बात हो जायेगी तथा वे कोई कार्य बगैर रिश्वत के नहीं करेंगे, जिससे कार्य में शिथिलता आयेगी और विकास बाधित होगा.
कुमार विकास, वरीय अधिवक्ता
क्या कहते हैं आमलोग
आम लोग जिस स्तर के भ्रष्टाचार से पीड़ित हैं वह इस कानून से और बढ़ेगा. प्रस्तावित कानून को देखने से लगता है कि सरकार को आम आदमी की चिंता नहीं है. केंद्र सरकार तत्काल इस प्रस्ताव को रद्द करे.
रामजी राम, खेत मजदूर नेता
इस कानून से अच्छा होता कि सरकार रिश्वत की दर निर्धारित कर दे ताकि आमलोग अपना काम कराने के लिए बार-बार दौड़े और निर्धारित रिश्वत देकर अपना काम करा लें.
-मनोज कुमार सिंह
सामाजिक कार्यकर्ता
अपने चुनावी सभाओं में भ्रष्टाचार समाप्त करने की बाद करनेवाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का असली चेहरा आम लोगों के सामने आ गया. मोदी भ्रष्टाचार के संरक्षक है.
राजेंद्र तांती, किसान नेता
सरकार द्वारा प्रस्तावित कानून लागू हो जाने के बाद पैसे वालों की चांदी होगी, जबकि आम लोग अपने-अपने जायज काम के लिए भी दर-दर की ठोकर खायेंगे. सरकार पूर्व से विद्यमान प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 को सख्ती से लागू करे.
कामेश्वर कुमुद
सामाजिक कार्यकर्ता