हाजीपुर : शहर में वेंडिंग जोन नहीं बनने का नतीजा है कि लाख प्रयास के बाद भी शहर की सड़कों क ो अतिक्रमण और जाम जैसे लाइलाज मर्ज से मुक्ति नहीं मिल पा रही है. प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर समय-समय पर वेंडरों और फुटपाथी दुकानदारों को हटाया जाता रहा है, लेकिन दो से चार दिनों के भीतर ही फुटपाथ दुकानदार अपनी जगह पर काबिज हो जाते हैं. इसके चलते अतिक्रमण की समस्या बनी रह जाती है.
आखिर जाएं तो क हां जाएं वेंडर : नगर में हजारों वेंडरों के सामने रोजी-रोटी की समस्या है.आखिर ये जाएं तो क हां. जब तक इनके लिए स्थायी व्यवस्था नहीं होगी तब तक स्वाभाविक रूप से ये सड़कों, नुक्कड़ों और चौक-चौराहों का अतिक्रमण किये रहेंगे. हर रोज के जाम और अतिक्रमण से परेशान नागरिकों का कहना है कि नगर पर्षद इस मामले में गंभीर नहीं है. पर्षद को चाहिए कि वह वेंडरों के लिए स्थायी व्यवस्था कर उन्हें वहां बसाये, ताकि उन्हें भी अतिक्रमण हटाने के नाम पर बार-बार उजाड़े जाने की पीड़ा से निजात मिल सके.
लापरवाही से लटका है मामला : नगर पर्षद शहर के गांधी चौक से कौनहारा घाट रोड में वैशाली महिला कॉलेज के सामने स्थित खाली जमीन और पुराने गंडक पुल रोड में जौहरी बाजार के निकट वेंडिंग जोन बनाने की योजना पीडब्ल्यूडी की लापरवाही के कारण अब तक अधर में है. तीन साल पहले ही वेंडिंग जोन के निर्माण के लिए पर्षद द्वारा विभाग को अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए लिखा गया. चूंकि उक्त जमीन लोक निर्माण विभाग के अधीन है. इसलिए विभाग की स्वीकृति आवश्यक है.
बेपरवाह नगर पर्षद और सुस्त विभाग : नगर पर्षद अधिकारियों का कहना है कि कई बार रिमाइंडर देने के बावजूद लोक निर्माण विभाग के अधिकारी बेपरवाह बने हुए हैं. सूत्र बताते है कि विगत छह महीनों में नगर पर्षद द्वारा भी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया है. उधर, फुटपाथी दुकानदार लंबे समय से वेंडिंग जोन का निर्माण कर फुटपाथियों एवं वेंडरों को स्थायी रूप से दुकान आवंटित करने की मांग को लेकर आवाज उठा रहे हैं. इसके लिए कई बार आंदोलन भी हो चुका है.
क्या कहते हैं अधिकारी
वेंडिंग जोन निर्माण की दिशा में नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा स्वयंसेवी संस्था नासवी के माध्यम से वेंडरों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है. सर्वेक्षण के बाद सभी वेंडरों को पहचान पत्र उपलब्ध कराया जायेगा. वेंडिंग जोन के निर्माण के लिए पर्षद का प्रयास जारी है. जोन बनने के बाद पहचान पत्र के आधार पर सभी वेंडरों को वहां जगह दी जायेगी.
नीरज कुमार दास, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद