विद्यालयों की खराब दशा बन रही बाधक
दो साल में शत-प्रतिशत काम कर सहदेई को आदर्श प्रखंड बनाने का लक्ष्य रखा गया था़ लेकिन वर्तमान स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है़ जिले के 16 प्रखंडों में सहदेई बुजुर्ग को वर्ष 2013 में आदर्श प्रख्ांड बनाने के लिए चुना गया था़ लेकिन पदाधिकारियों व जन प्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण डेढ़ […]
दो साल में शत-प्रतिशत काम कर सहदेई को आदर्श प्रखंड बनाने का लक्ष्य रखा गया था़ लेकिन वर्तमान स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है़ जिले के 16 प्रखंडों में सहदेई बुजुर्ग को वर्ष 2013 में आदर्श प्रख्ांड बनाने के लिए चुना गया था़ लेकिन पदाधिकारियों व जन प्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी इस प्रखंड को आदर्श प्रखंड बनाने की दिशा में एक चौथाई काम भी पूरा नहीं किया जा सका है.
हाजीपुर : जिले के 16 प्रखंडों में सहदेई बुजुर्ग को वर्ष 2013 में आदर्श प्रख्ांड बनाने के लिए चुना गया था़ इसी साल 15 दिसंबर को तत्कालीन डीएम जितेंद्र श्रीवास्तव द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था़ दो साल में शत-प्रतिशत काम कर सहदेई को आदर्श प्रखंड बनाने का लक्ष्य रखा गया था़ लेकिन वर्तमान स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है़ पदाधिकारियों व जन प्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी इस प्रखंड को आदर्श प्रख्ांड बनाने की दिशा में एक चौथाई काम भी पूरा नहीं किया जा सका है. सहदेई को आदर्श प्रखंड के रूप में विकसित करने के लिए जिला पदाधिकारी द्वारा 20 कार्यो को शत-प्रतिशत पूरा करने को चिह्न्ति किया गया था.
आदर्श प्रख्ांड बनाने को लेकर यहां अभी तक प्रख्ांड स्तर पर पांच से छह बार ट्रेनिंग व मीटिंग हो चुकी है़ फिर भी इस ओर काम नहीं होना वरीय पदाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने जैसा है़ आदर्श प्रखंड बनाने में वार्ड सदस्य,मुखिया,पंचायत समिति सदस्य,सहित अन्य जन प्रतिनिधियों को सहयोग करना है, लेकिन हैरानी इस बात की है कि इस ओर अधिकतर जनप्रतिनिधि कोई रुचि नहीं ले रहे हैं. ़जिन 20 कार्यो को पूरा करना है, उनमें प्रख्ांड के सभी सरकारी स्कूलों में शत-प्रतिशत शौचालय, पेयजल,भवन,साफ-सफाई, किचेन शेड आदि होना आवश्यक है़ आदर्श प्रखंड बनाने के लिए दो साल का समय रखा गया था, जिसमें एक साल तीन महीना गुजर चुका है, जबकि इस दिशा में काम न के बराबर हुआ है.
सहदेई प्रखंड में स्कूलों की स्थिति
विद्यालय भवन-प्रखंड के कु ल 21 विद्यालयों के पास अपना भवन नहीं है, जबकि 73 के पास अपना भवन उपलब्ध है.
पेयजल की सुविधा-73 विद्यालयों में से पांच में पेयजल की सुविधा का अभाव है़ इसमें सर्वाधिक तीन चकफैज पंचायत में हैं.
शौचालय की उपलब्धता-73 विद्यालयों में से सात विद्यालयों में शौचालय का है अभाव.
शौचालय खराब-73 विद्यालयों में 16 में शौचालय खराब हैं. सबसे अधिक मजरोही उर्फ सहरिया पंचायत में चार शामिल हैं
बालिकाओं के लिए शौचालय-73 विद्यालयों में 20 में बालिकाओं के लिए शौचालय का अभाव़
बालिकाओं के शौचालय खराब-53 में से छह में बालिकाओं के लिए शौचालय खराब है़ इसमें सर्वाधिक पोहियार बुजुर्ग पंचायत में दो हैं
विद्यालयों में हाथ धोने की व्यवस्था-73 विद्यालयों में से 33 विद्यालयों में हाथ धोने की सुविधा का अभाव है, जिसमें सबसे अधिक सलहा व चकफैज पंचायत में आठ-आठ हैं.
किचेन शेड की उपलब्धता -73 में से 20 विद्यालयों में किचेन शेड का अभाव है़ इसमें सर्वाधिक नया गांव पूर्वी व वाजितपुर चकस्तुरी पंचायत में चार-चार शामिल हैं
बिजली की सुविधा-73 में से 26 विद्यालयों में बिजली की सुविधा का अभाव है, इसमें सर्वाधिक पोहियार बुजुर्ग व सलहा में चार-चार, नया गांव पूर्वी,सहदेई बुजूर्ग एंव वाजितपुर चकस्तुरी पंचायत में तीन-तीन शामिल है़ं