हाजीपुरः अपराधियों पर पुलिस कब नकेल कसने में कामयाब होगी. अपराध पर पुलिस का कुछ नियंत्रण होगा भी या नहीं. यह सवाल भी अब जिला पुलिस के सामने उम्रदराज होता जा रहा है. मंगलवार को जिले में जिस तरीके से लूट की दो एवं चोरी की एक बड़ी वारदात हुई. इससे साफ जाहिर होता है कि नगर में विधि व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है.
सब कुछ भगवान भरोसे है. पुलिस का काम अब अपराध पर अंकुश लगाना नहीं, बल्कि थाने में बैठ कर सिर्फ और सिर्फ एफआइआर दर्ज करना भर रह गया है. पूर्व जिला पर्षद अध्यक्ष उमेश राय की एजेंसी के गोदाम से 21 लाख की चोरी, शहर के बागदुल्हन मोहल्ले के नया टोला से एक शराब व्यवसायी को दो स्टाफ से आठ लाख की लूट तथा बिदुपुर थाना क्षेत्र के मधुरापुर से पटना के एक व्यवसायी के मुंशी से दो लाख दस हजार रुपये की लूट ने पुलिसिया व्यवस्था को बेनकाब कर दिया है. तीनों घटनाएं एक ही दिन एवं अठारह घंटे के अंदर घटी.
चोरी की घटना को अगर हम सोमवार की देर रात की माने तो शराब व्यवसायी से आठ लाख एवं बिदुपुर में दो लाख की लूट में महज एक घंटे का अंतर है. आठ लाख की लूट के बाद पुलिस ने दावा किया कि लुटेरों को पकड़ने के लिए पुलिस नगर के हर चौक-चौराहों की नाकेबंदी कर दी है, लेकिन सच्चई यह थी कि सिर्फ राम प्रसाद चौक के अलावा कहीं भी सघन चेकिंग अभियान नहीं चलाया गया. बहरहाल जिस रफ्तार से अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है, अब उस पर नियंत्रण करना पुलिस के लिए काफी मुश्किल होगा.