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राग-द्वेष से हिंसा का होता है जन्म

प्राकृत जैन शास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान में माथुर स्मृति व्याख्यानमाला वैशाली : प्राकृत जैन शास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान वैशाली में जगदीश चंद्र माथुर स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया. अहिंसा की प्रासंगिकता विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला में अपने संबोधन के दौरान आयुर्वेद महाविद्यालय इंदौर के उप प्राचार्य डॉ गजेंद्र जैन ने कहा की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2015 7:41 AM
प्राकृत जैन शास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान में माथुर स्मृति व्याख्यानमाला
वैशाली : प्राकृत जैन शास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान वैशाली में जगदीश चंद्र माथुर स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया. अहिंसा की प्रासंगिकता विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला में अपने संबोधन के दौरान आयुर्वेद महाविद्यालय इंदौर के उप प्राचार्य डॉ गजेंद्र जैन ने कहा की राग और द्वेष से हिंसा का जन्म होता है और हिंसा का कोई धर्म नहीं है.
राजनीति, पर्यावरण, जीवन और धर्म दर्शन में सर्वत्र अहिंसा प्रासंगिक है. उन्होंने कहा की पूरे दुनिया के लोग अहिंसा का अनुसरण करना चाह रहे हैं. अहिंसा के बिना किसी का जीवन रूपी नैया सफल नहीं हो सकता है. वहीं, प्रमुख भाषाविद् डॉ नवल किशोर प्रसाद श्रीवास्तव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की संसार में जितना भी धर्म ग्रंथ है, सभी में हिंसा शब्द को अपमानित व घृणा के भाव से देखा गया है.
क्योंकि, अहिंसा को अपना कर ही मानव का कल्याण हो सकता है. खासकर जैन धर्म में तो अहिंसा पर व्यापक दृष्टि डाला गया है, जिसमें चोरी करना, दूसरे को दु:ख पहुंचाने को भी हिंसा की श्रेणी में रखा गया है. इतना ही नहीं कुरान में भी अहिंसा शब्द का उल्लेख है. अल्लाह का हुक्म है कि हम जिस तरह से जीते हैं, उसी तरह दूसरों को भी देखें. सभी धर्मो में जीव हिंसा की निंदा की गयी है.
वैशाली के डीडीसी देवेंद्र कुमार सविता ने कहा कि अहिंसा ही एक ऐसा शब्द है, जो दुनिया को मिलाये रखता है. भगवान महावीर, बुद्ध एवं महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों ने भी अहिंसा को ही अपना कर अमरत्व की प्राप्ति की है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ प्रफुल्ल कुमार सिंह, जबकि संचालन संस्थान के निदेशक डॉ ऋषभ चंद्र जैन ने किया. व्याख्यानमाला में संत अनमोल दास पाखी, वरीय उप समाहर्ता सुमित कुमार, निर्मल जैन सेठी, रतन लाल जैन, डॉ दामोदर प्रसाद सिंह सहित कई लोगों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये. मौके पर डॉ राम नरेश राय, डॉ संजय मंडल, सुरेंद्र सिंह, केदार सिंह, हरि किशोर प्रसाद सिंह सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे.

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