चार दिनों का आंखों देखा हाल

हाजीपुर : शनिवार को दिन के 11:41 बजे जब पहली बार भूकंप का झटका आया था, तो पूरे जिले में दहशत फैल गयी थी. लोग जहां थे, जैसे थे, भाग कर अपनी जान बचाने लगे. अपने साथ-साथ घर के लोगों की भी जान बचाने में लगे थे. रिश्तेदारों का हाल जानने के लिए मोबाइल पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2015 7:13 AM
हाजीपुर : शनिवार को दिन के 11:41 बजे जब पहली बार भूकंप का झटका आया था, तो पूरे जिले में दहशत फैल गयी थी. लोग जहां थे, जैसे थे, भाग कर अपनी जान बचाने लगे. अपने साथ-साथ घर के लोगों की भी जान बचाने में लगे थे. रिश्तेदारों का हाल जानने के लिए मोबाइल पर लगातार व्यस्त थे.
अभी संभले भी नहीं थे कि फिर 12:50 बजे धरती हिलने लगी. दूसरी बार जब कंपन महसूस हुआ तो लोगों का धैर्य जवाब दे गया. इसके बाद नेपाल की तबाही का मंजर देख वैशालीवासियों का भी हाल खराब होने लगा था.पूरी रात को अधिकतर लोग जागते रहे.
रविवार को भी भय बना रहा: रविवार की दोपहर में अधिकतर लोग छुट्टी का वक्त अपने घर में बिता रहे थे. उसी वक्त फिर से भूकंप का झटका आया. इसके बाद तो लोग घर का रास्ता ही भूलने लगे थे.लगातार भूकंप आने का संदेश मिलने लगा था. बहुत लोग इसे अफवाह मान रहे थे तो बहुत लोग सच.
रविवार की रात भर वैशाली जिले के विभिन्न गांव में पूजा-पाठ का दौर चलता रहा. लोगों में भय बढ़ता जा रहा था. रात में चांद उलटा दिखने की अफवाह से लोगों की नींद हराम हो गयी थी. इसी बीच रात के 9:56 पर फिर से धरती कांप उठी . इसके बाद तो लोगों का जीना मुश्किल होने लगा था.दर्जनों गांव के लोगों ने खेत व अन्य जगहों पर रात बितायी.
सोमवार को भी दहशत में रहे जिलावासी: सुबह से भूकंप नहीं आयेगा. इस बात की चर्चा हो रही थी. घर- घर में लोग दहशत में थे. सरकारी बंदी हो चुकी थी. स्कूल बंद थे.अधिकतर लोग अपने परिवार के साथ ही सुरक्षित स्थान पर रहने की सोच रहे थे. अपनों का हाल जानने का बेताब थे. दिन तो किसी तरह कट गया. लेकिन रात होते ही एक बार फिर भूकंप का झटका आया. सभी लोगों के चेहरे पर डर का साया साफ तौर पर दिखने लगा. लेकिन समाचार सुनने के बाद लोगों में डर कम हुआ.
मंगलवार को आंधी-पानी से तबाही: मंगलवार की दोपहर में तेज आंधी व तूफान के साथ मूसलधार वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. कई मकान गिर गये. हाजीपुर में एक महिला की मौत हो गयी. बेलसर में एक महिला जख्मी हो गयी.जिले की अन्य जगहों पर भी लोग तबाह हो गये.
सड़क से लेकर घर के अंदर तक एक बार फिर लोगों में दहशत दिखने लगी. परंतु एक घंटे में आंधी-तूफान थम गया, जिससे लोगों ने चैन की सांस ली.
चार दिनों में आठ लोगों की मौत: पिछले चार दिनों में कुल आठ लोगों की मौत हो चुकी है. पातेपुर, बिदुपुर, राघोपुर, राजापाकर, लालगंज, महुआ, बेलसर एवं हाजीपुर में एक-एक लोगों की मौत हो गयी. सैकड़ों लोगों के घायल होने की सूचना है.

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