मौत से खेलते हैं निर्माण कामगार

नहीं रखा जाता है सुरक्षा मानकों का ख्याल शहर में निर्माण कामगार की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है.अधिकतर निर्माण स्थल पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोई सावधानी नहीं बरती जाती है. मजदूरों को ऊंची-ऊंची इमारतों पर बगैर बेल्ट एवं हेलमेट के देखा जाता है. निर्माण कार्य के दौरान कई बार मजदूर की जान संकट में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2015 8:34 AM
नहीं रखा जाता है सुरक्षा मानकों का ख्याल
शहर में निर्माण कामगार की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है.अधिकतर निर्माण स्थल पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोई सावधानी नहीं बरती जाती है. मजदूरों को ऊंची-ऊंची इमारतों पर बगैर बेल्ट एवं हेलमेट के देखा जाता है. निर्माण कार्य के दौरान कई बार मजदूर की जान संकट में देखी गयी है. पिछले दो वर्षो में एक सौ मजदूरों को दुर्घटना का शिकार होना पड़ा है.
हाजीपुर : जिले में कई जगहों पर अपार्टमेंट, पुल एवं मार्केट कॉम्प्लेक्स सहित अन्य निर्माण किये जा रहे हैं, लेकिन अधिकतर जगहों पर निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को असुरक्षित देखा जाता है.
निर्माण कंपनी द्वारा मजदूरों को सुरक्षा कवच के रूप में कुछ भी मुहैया नहीं कराया जाता है. इसके कारण मजदूरों की जान को खतरा बना रहता है. कंपनी द्वारा मजदूरों के साथ बरती जा रही लापरवाही के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होती है.
मजदूरों के घायल व मौत होने पर क्या मिलता है : बिहार शताब्दी एवं असंगठित कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा कोष से मजदूरों की दुर्घटना में मौत होने पर उसके परिजन को एक लाख रुपये मिलते हैं और विकलांग होने पर 75 हजार, आंशिक विकलांग होने पर 37 हजार पांच सौ एवं स्वाभाविक मौत होने पर 30 हजार रुपये दिये जाते हैं. यह राशि श्रम विभाग द्वारा दी जाती है.
सवा लाख परिवार हैं बीमित : राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना के तहत जिले सवा लाख बीपीएल परिवारों को बीमित किया गया है. जिनमें परिवार के पांच सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ मिलेगा. इसके लिए प्रति वर्ष तीन सौ रुपये प्रीमियम का भुगतान किया जाता है. इस योजना के तहत सभी बीमित परिवार को कार्ड दिया गया है, जिसके आधार पर मुफ्त इलाज होगा. जिले के छह प्रखंडों में स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कार्य किया जा रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिले में अब तक एक लाख 20 हजार नौ सौ 88 परिवारों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीमित किया गया है. सभी परिवार बीपीएल में हैं. इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2014-15 में 72 मजदूरों को बिहार शताब्दी असंगठित कामगार एवं शिल्पकार सुरक्षा कोष से अनुदान की राशि मिल चुकी है. इस साल अब तक 28 मजदूरों को अनुदान राशि स्वीकृत हो चुकी है. जल्द ही भुगतान होगा.
अरुण कुमार श्रीवास्तव,श्रम अधीक्षक

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