पटवन की सरकारी व्यवस्था नाकाफी

हाजीपुर: वैशाली जिले के किसान सुखाड़ की मार झेल रहे हैं. जिले में धान की फसल सूखे की भेंट चढ़ गयी है. सिंचाई के अभाव में खेतों की फसल जल जाने को बाध्य है. जिले के राघोपुर प्रखंड को छोड़ कर बाकी सभी प्रखंडों में सूखा पड़ा है. बिदुपुर, महनार, सहदेई और देसरी ऐसे प्रखंड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2013 1:20 AM

हाजीपुर: वैशाली जिले के किसान सुखाड़ की मार झेल रहे हैं. जिले में धान की फसल सूखे की भेंट चढ़ गयी है. सिंचाई के अभाव में खेतों की फसल जल जाने को बाध्य है. जिले के राघोपुर प्रखंड को छोड़ कर बाकी सभी प्रखंडों में सूखा पड़ा है. बिदुपुर, महनार, सहदेई और देसरी ऐसे प्रखंड हैं, जो बाढ़ और सुखाड़ दोनों विपदाओं के शिकार हुए हैं. लालगंज, वैशाली, भगवानपुर, पटेढ़ी बेलसर, चेहराकलां, महुआ, जंदाहा, पातेपुर आदि प्रखंडों में सूखे की समस्या से जूझते किसान अपनी फसल की क्षति को लेकर चिंतित और परेशान हैं. कर्ज लेकर खेती करने वाले छोटे किसानों को कर्ज से उबरने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा है. एक तो सभी जरूरतमंद किसानों को अनुदान मिलता नहीं और जिनको मिलता है वे भी उचित समय पर लाभान्वित नहीं हो पाते . बिजली आपूर्ति की दयनीय हालत तथा बंद पड़े राजकीय नलकूपों ने सिंचाई और पटवन को और मुश्किल बना दिया है. गौरतलब है कि पिछले महीने राज्य के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने जिले के प्रभारी मंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली समीक्षात्मक बैठक में ही घोषणा की थी कि जिले में सूखे की स्थिति से निबटने के लिए खराब पड़े नलकूपों को एक सप्ताह में चालू किया जायेगा. और सिंचाई के लिए 12 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी. गंडक से जुड़ी नहरों का जीर्णोद्धार कर सिंचाई के अनुकूल बनाने का भी उन्होंने आश्वासन दिया था. काश कि वे आश्वासन अमल में लाये जाते. सच्चाई यह है कि न राजकीय नलकूपों को दुरुस्त किया गया न ही किसी नहर की उड़ाही का काम शुरू हो सका. अधिकतर गांवों में बिजली की समस्या बनी ही हुई हैं. इधर जिला प्रशासन ने सुखाड़ की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है. जिलाधिकारी जितेंद्र श्रीवास्तव ने मंगलवार को सभा कक्ष में आयोजित सुखाड़ एवं आपदा की समीक्षात्मक बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अभियान चला कर किसानों को डीजल अनुदान उपलब्ध कराएं. जिन पंचायतों में 65 प्रतिशत से कम आच्छादन है, वहां संबंधित किसान सलाहकार एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी पर जवाबदेही तय की जायेगी. कृषि कार्य को सबसे ऊपर रखते हुए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को प्रतिदिन अनुश्रवण करने का निर्देश दिया गया है, ताकि खेतों में लगी फसल बरकरार रह सके. दूसरी ओर राज्य सरकार द्वारा वैशाली क ो सूखा ग्रस्त जिला घोषित किये जाने से किसानों ने राहत की सांस ली है. किसानों को उम्मीद है कि सरकार सूखे से प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए व्यापक स्तर पर कार्ययोजना बनायेगी.

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