हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद एनएच से नहीं हटाये गये स्पीड ब्रेकर

हाजीपुर : वैशाली जिला प्रशासन पर उच्च न्यायालय के आदेश का भी कोई असर नहीं हो रहा है. पटना उच्च न्यायालय ने गत 13 अप्रैल ,2015 को राज्य की सभी सड़कों पर बने स्पीड ब्रेकरों को 15 दिनों में हटाने का आदेश दिया था़ मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा और न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह की खंडपीठ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2015 7:13 AM
हाजीपुर : वैशाली जिला प्रशासन पर उच्च न्यायालय के आदेश का भी कोई असर नहीं हो रहा है. पटना उच्च न्यायालय ने गत 13 अप्रैल ,2015 को राज्य की सभी सड़कों पर बने स्पीड ब्रेकरों को 15 दिनों में हटाने का आदेश दिया था़
मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा और न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश जारी किया था़ लेकिन हैरानी इस बात की है कि इस आदेश को 50 दिन हो गये, फिर भी जिले की विभिन्न सड़कों पर बने सैकड़ों स्पीड ब्रेकरों को अब तक नहीं हटाया गया है़
कोर्ट ने विभागों को बनाया था जिम्मेवार : हाइ कोर्ट ने इसके लिए पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव से लेकर विभाग के निचले स्तर के पदाधिकारी तक को यह जिम्मेवारी सौंपी थी़ साथ ही नेशनल हाइवे ऑथर्टी ऑफ इंडिया से भी कहा था कि वह राज्य से गुजरने वाले सभी एनएच सड़कों पर बने स्पीड ब्रेकरों को 15 दिनों में हटा लें. हाइ वे पर बने ऐसे स्पीड ब्रेकरों के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं. कोर्ट ने 15 दिनों बाद स्पीड ब्रेकरों को हटा कर इसकी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपने का आदेश दिया था़
अस्पताल व स्कूल के पास थी छूट : खंडपीठ ने सिर्फ अस्पताल और स्कूल के निकट बने स्पीड ब्रेकरों को रहने देने की इजाजत दी है़ मालूम हो कि भभुआ के विनोद कुमार सिंह ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर बताया था कि सड़क पर अधिक संख्या में स्पीड ब्रेकर बनाये गये हैं, जिससे राहगीरों को परेशानी होती है.
इसको लेकर जिला प्रशासन से लेकर राज्य सरकार से भी शिकायत की गयी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. खंडपीठ ने इस पत्र को संज्ञान में लेते हुए याचिका में तब्दील कर दिया़ यहां के पदाधिकारी उच्च न्यायालय तक का आदेश नहीं मान रहे हैं तभी तो अब तक जिले के स्पीड ब्रेकरों को नहीं हटाया गया़

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