198 किलोमीटर सीवर नेटवर्क दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य

हाजीपुर : नगर में सीवरेज निर्माण के काम लगी कंपनी के अधिकारी भले ही काम बंद होने से इनकार कर रहे हों, लेकिन सच्चई नगरवासी अपनी आंखों से देख रहे हैं. कई महीनों से नगर के किसी भी वार्ड में न पाइप बिछने और न मेन होल बनाने का काम होता दिख रहा है. उस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2015 11:52 PM
हाजीपुर : नगर में सीवरेज निर्माण के काम लगी कंपनी के अधिकारी भले ही काम बंद होने से इनकार कर रहे हों, लेकिन सच्चई नगरवासी अपनी आंखों से देख रहे हैं. कई महीनों से नगर के किसी भी वार्ड में न पाइप बिछने और न मेन होल बनाने का काम होता दिख रहा है.
उस प्रोजेक्ट का एक साल के अंत तक पूरा होने की बात बिल्कुल हास्यास्पद लगती है. बताते चलें कि 198 किलोमीटर के सीवर नेटवर्क के काम को दिसंबर, 2015 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत 11 हजार 382 मेन होल और चार पंप स्टेशन बनाये जाने हैं. इसके अलावा 30 एकड़ भूखंड में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जानी है. काम की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगा सकता है कि अभी तक मात्र 14 सौ 33 मेन होल ही बनाये जा सके हैं और दो पंप स्टेशन के निर्माण का काम भी अधूरा ही पड़ा है.
2011 के दिसंबर में शुरू किये गये सीवरेज निर्माण के कार्य को दो साल अंदर यानी दिसंबर, 2013 तक ही पूरा हो जाना था. काम की गति ऐसी रही कि इसका समय बढ़ा कर पहले मार्च , 2015 तक और अब दिसंबर, 2015 तक पूरा करने का लक्ष्य है. मगर कार्य की गति देख अगले दो साल तक भी शायद ही प्रोजेक्ट पूरा हो सके.
जलजमाव से मुक्ति व गंदा पानी निकासी की है योजना : नगर क्षेत्र से निकलने वाले गंदे पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये नदी में बहाये जाने की योजना के तहत 2010 के अप्रैल में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गयी थी.
चीन की कंपनी एमएस ट्राइसेक ने सीवरेज निर्माण कार्य को अपने हाथ में लिया. नगर के लोगों का कहना है कि योजना का काम निर्बाध गति से चलता, तो गंदगी और जलजमाव की समस्या से लोगों को मुक्ति मिलती. कंपनी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए नगर पर्षद के कई पार्षदों ने कहा कि पाइप बिछाने और मेन होल बनाने के लिए उनके वार्ड में सड़क को समतल करना भी मुनासिब नहीं समझा.
इसका नतीजा हुआ कि हल्की बारिश में सड़क से गुजरना मुश्किल हो गया. जब परेशानहाल लोग अपने पार्षद पर गुस्सा उतारने लगे, तो नगर पार्षद ने दबाव बनाया, तब जाकर कई क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत हो सकी. बहरहाल नगरवासियों की यही चाहत है कि सीवरेज निर्माण कार्य के रास्ते में जो भी बाधाएं हैं, वह तुरंत दूर हों और जितनी जल्दी हो सके यह प्रोजेक्ट पूरा हो.

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