सदर अस्पताल में नहीं होता है डेंगू का इलाज

समस्या : अब तक नहीं बना वार्ड, मरीज परेशान हाजीपुर : सदर अस्पताल में गंभीर बीमारियों का इलाज संभव नहीं है. जिले में डेंगू के मरीज लालगंज के मनिकपुर पकड़ी में पाये जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग सर्तक तो है, लेकिन इसकी रोकथाम के लिए कोई कारगर व्यवस्था नहीं कर रहा है. इसके अलावा कैंसर, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2015 7:37 AM
समस्या : अब तक नहीं बना वार्ड, मरीज परेशान
हाजीपुर : सदर अस्पताल में गंभीर बीमारियों का इलाज संभव नहीं है. जिले में डेंगू के मरीज लालगंज के मनिकपुर पकड़ी में पाये जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग सर्तक तो है, लेकिन इसकी रोकथाम के लिए कोई कारगर व्यवस्था नहीं कर रहा है. इसके अलावा कैंसर, कालाजार, मानसिक रोगियों के लिए भी कोई उचित व्यवस्था नहीं है. इसके लिए मरीजों को पटना या फिर अन्य प्रदेशों की शरण लेनी पड़ती है.
क्यों होता है डेंगू : डेंगू एक वायरल इंफेक्शन है जो मादा एडिस मच्छर के काटने से फैलता है. मच्छर काटने के दो सप्ताह के बाद इसके लक्षण दिखने लगते हैं. इसका सीधा इलाज नहीं है. इसमें तेज बुखार, सिर दर्द, जोड़ो और मांसपेसियों में दर्द के साथ आंखों में जलन और दर्द होता है
सदर अस्पताल में नहीं है कोई वार्ड : डेंगू अथवा अन्य गंभीर बीमारियों के लिए सदर अस्पताल में कोई विशेष वार्ड नहीं है. हालांकि कालाजार पर काम करने वाली संस्था एमएसएफ का केंद्र है. अगर कोई मरीज यहां आता भी तो प्राथमिक उपचार अथवा सुझाव के साथ पटना रेफर कर दिया जाता है. दवाओं की समस्या भी बनी रहती है. अस्पताल में दवाओं का अभाव बना रहता है.
नगर पर्षद के पास नहीं हैं साधन : हाजीपुर नगर पर्षद के पास दो फाॅगिंग मशीन हैं, लेकिन उसका उपयोग नहीं होता. पांच वर्ष पहले एक-दो बार फाॅगिंग जरूर हुई,लेकिन उसके बाद केवल कागजों पर ही फॉगिंग होती रही. नगर पर्षद के सूत्र बताते हैं फॉगिंग मशीन वर्षों से खराब पड़ी है. मरम्मती के अभाव में फाॅगिंग नहीं हो रही है. जिले में फॉगिंग की नहीं है कारगर व्यवस्था.
एक मरीज का पीएमसीएच में हो रहा इलाज : लालगंज प्रखंड के मनिकपुर पकड़ी गांव के संतोष कुमार के छह वर्षीय पुत्र ऋषु कुमार में डेंगू के लक्षण पाये जाने के बाद पीएमसीएच में इलाज चल रहा है.
एक नजर
मशीन से नहीं होती है फॉगिंग.
फॉगिंग पांच वर्षों से है खराब.
अस्पताल में नहीं है कोई वार्ड.
दवाओं का रहता है टोटा.
वर्षा के दिनों में ज्यादा पनपते है डेंगू के मच्छर.

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