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सुहागिनें आज करेंगी व्रत

हाजीपुर. चंद्र दर्शन का पर्व गणेश चतुर्थी,चौथ चंदा और कुंवारी कन्याओं द्वारा भावी पति और सुहागिनों द्वारा पति की दीर्घायु की कामना से किया जाने वाला व्रत हरि तालिका तीज बुधवार को मनायी जायेगी. महिलाएं भाद्र शुक्ल पक्ष तृतीय को तीज एवं रोहणी नक्षत्र में भाद्र शुक्ल पक्ष चतुर्थी को चौथ चंदा का व्रत करती […]

हाजीपुर. चंद्र दर्शन का पर्व गणेश चतुर्थी,चौथ चंदा और कुंवारी कन्याओं द्वारा भावी पति और सुहागिनों द्वारा पति की दीर्घायु की कामना से किया जाने वाला व्रत हरि तालिका तीज बुधवार को मनायी जायेगी. महिलाएं भाद्र शुक्ल पक्ष तृतीय को तीज एवं रोहणी नक्षत्र में भाद्र शुक्ल पक्ष चतुर्थी को चौथ चंदा का व्रत करती हैं. पंडित प्रमोद झा ने बताया कि तृतीया 16 सितंबर को संध्या 5 बजे तक एवं चतुर्थी में शाम 5.10 बजे के बाद चंद्र दर्शन का समय है.

तीज में होती है पार्वती-शिव की पूजा : तीज में शिव-पार्वती की बालू की मूर्ति बना कर पूजा की जाती है. इसी दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने की इच्छा से रेत का शिवलिंग स्थापित कर व्रत किया था. पार्वती की सखी इस व्रत को रखवाने के लिए उन्हें पिता के घर से हर कर जंगल में ले गयी थी. हरत यानी हरण करना और आलिका अर्थात सखी इसलिए इस व्रत को हरितालिका कहते हैं.

चौथ चंदा में चंद्र दर्शन का है महत्व : चंद्र दर्शन का पर्व है चौथ चंदा. मन की शांति, दोष-कलंक से बचने के रोहणी नक्षत्र में चंद्रमा की पूजा और उन्हें अर्घ समर्पित किया जाता है. मिथिलांचल में इस व्रत को धूम-धाम से मनाया जाता है. महिलाएं दिन भर व्रत रखती हैं. सूर्यास्त के बाद चंद्रमा का दर्शन किया जाता है. फल और दूध से परिवार के सदस्य दर्शन व पूजन करते हैं. पहले दही का भोग लगाते हैं. फिर पुरी-पुआ, हलवा आदि का भोग लगाते हैं.

क्या हैं पौराणिक मान्यताएं : ऐसी मान्यता है कि चंद्रमा ऋषि पत्नी से समागम के कारण शापित हो गये थे. कुछ जगहों पर चंद्रमा की ओर कंकर भी फेंका जाता है. भगवान श्री कृष्ण पर राजा प्रसेनजीत की हत्या का कलंक भी इसी दिन लगा था. इसलिए श्रद्धालु कलंक दोष से बचने के लिए चंद्र दर्शन कर उन्हें फल-फूल और पकवान का भोग लगा कर प्रसन्न करते हैं.

दोनों व्रत को लेकर बाजारों में उमड़ी भीड़ : व्रत को लेकर बाजारों में भीड़ बनी रही. श्रद्धालुओं ने जम कर पूजन सामग्री, शृंगार प्रसाधन एवं अन्य सामान की जम कर खरीदारी की.

महंगाई का असर भी दिखा. बजट अनुरूप श्रद्धालु खरीदारी नहीं कर पा रहे थे. उन्हें अपना बजट बढ़ाना पड़ा या फिर सामग्री की मात्रा घटा दी. दुकानदारों का भी मानना था कि 25 से 30 फीसदी कीमतों में इजाफा हुआ है. जबकि श्रद्धालुओं का कहना था कि दो-तीन दिन पहले सब ठीक था, लेकिन व्रत आते ही कीमतों में वृद्धि कर दी गयी.

क्या कहती हैं महिलाएं

व्रत को लेकर उत्साहित हूं. पहली बार तीज करूंगी. पति के लिए किये जाने वाले व्रत से रोमांचित महसूस कर रही हूं, लेकिन भय भी है. कहीं व्रत टूट न जाए. हालांकि ऐसा होने नहीं दूंगी. आखिर हमारी नयी शादी हुई है. पति को विश्वास दिलाना है.

रेखा सिंह, नवविवाहिता

पूजन सामग्री और अन्य सामान की कीमतों में अचानक तेजी आने से बजट गड़बड़ हो गया है, लेकिन व्रत तो करना ही है. पति से बहुत प्रेम करती हूं. उनके लिए सब कुछ सह सकती हूं. व्रत -त्योहार से खुशी मिलती है. परिवार में माधुर्य प्रेम बना रहता है.

अनामिका सिन्हा, गृहिणी

व्रत-त्योहार संस्कृति के अंग हैं. व्रत संतुलित जीवन जीने की प्रेरणा देता है. वहीं समाज में सद्भाव और प्रेम कायम रखने में मदद भी करता है. व्रत रखूंगी और परिवार के सभी सदस्यों के सफल जीवन की कामना करूंगी. स्त्री के लिए पति ही सब कुछ है.

प्रियंका कुमारी

कोशिश रहती है शास्त्र के अनुरूप व्रत को संपन्न करू. पति के अलावा सास-ससुर की सेवा करना अच्छा लगता है. पर्व-त्योहार से परिवार में प्रेम और सौहार्द बना रहता है. तीज और चौथ चंदा की खुशी है. सजना-संवरना अच्छा लगता है.

आभा सिन्हा, गृहिणी

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