मां का पट खुला, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
हाजीपुर : वैदिक मंत्रों के बीच नेत्र पूजन के साथ शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा देवी के पट खोल दिये गये. माता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. शंखों की ध्वनि, घंटों की नाद और देवी मंत्रों से पूरा नगर गूंज उठा. आस्था, श्रद्धा और उमंग ने वातावरण को भक्तिमय बनाये रखा. […]
हाजीपुर : वैदिक मंत्रों के बीच नेत्र पूजन के साथ शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा देवी के पट खोल दिये गये. माता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. शंखों की ध्वनि, घंटों की नाद और देवी मंत्रों से पूरा नगर गूंज उठा. आस्था, श्रद्धा और उमंग ने वातावरण को भक्तिमय बनाये रखा.
प्रेम सौहार्द के श्रद्धालुओं ने नेत्र पूजन के बाद पूजा-अर्चना कर मंगल कामना की.
मूर्तिकारों ने किया क्षेत्र पूजन : पंचांग के निर्धारित समय के अनुसार मूर्तिकारों ने पुजारी के साथ वैदिक मंत्रों के बीच नेत्र पूजन किया और औपचारिक रूप से माता के दर्शन किये. इस दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं ने जयकारे लगाये और मंगल आरती की और प्रसाद का वितरण किया गया. नेत्र पूजन के साथ दशहरा मेला का भी शुभारंभ हो गया.
पूजा स्थालों पर उमड़ी भीड़ : नेत्र पूजन के बाद पट खुल जाने पर पूजा स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालुओं के बीच देवी दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए होड़ मची थी. महिला श्रद्धालुओं मां की खोइंचा भरा. इस दौरान अनेक चीजें अर्पित की और मंगल कामना की. मां के जयकारे एवं भव्य आकर्षक प्रतिमाएं श्रद्धा और भक्ति की अनुभूति दिला रही थी.
भव्य प्रतिमा पंडाल और आकर्षक सजावट : पूजा पंडालों की आकर्षक सजावट एवं देवी मां की भव्य प्रतिमाएं लोगों को बरबस ही आकर्षित कर रही थीं. अथक परिश्रम के बाद मंडप की आकर्षक सजावट की गयी थी. कलाकारों के महीनों का परिश्रम सफल हुआ, जब श्रद्धालु भव्य सजावट की प्रशंसा करते नहीं थक रहे थे. स्टेशन चौक, राजेंद्र चौक, गांधी चौक, गुदरी बाजार, पासवान चौक, जढ़ुआ, मोनापुर सहित एक सौ से अधिक जगहों पर स्थापित प्रतिमाएं और पंडाल की भव्यवता को देखने के अलावा पूजा-अर्चना करने पहुंचे.
देवी गीतों से गूंज रहे आवासीय परिसर : पूजा- अर्चना को लेकर आवासीय परिसरों में धूम मची रही. संध्या आरती के बाद आवासीय परिसर देर शाम देवी गीत से गूंजता रहे. पुजारी पंडित प्रमोद झा ने बताया सप्तमी, अष्टमी व नवमी का विशेष महत्व है. नवरात्र के दिनों में संयम, ध्यान और अाराधना से मन एकाग्र और शांत होता है. मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. मनुष्य को अपने अंदर आसुरी शक्तियों को नष्ट करने का यह अच्छा समय है. नवरात्र और दशहरा की खुशी श्रद्धालु ने बांटी.
क्या है विशेष दशहरा मेले में
अनवरपुर चौक पर ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा चैतन्य देवियों का दर्शन.
अनवरपुर से गांधी चौक तक एवं अनवरपुर से राजेंद्र चौक, गुदरी बाजार थाना चौक तक के अलावा पूरे शहर की आकर्षक बिजली सजावट.
स्टेशन चौक,राजेंद्र चौक, डाकबंगला रोड, गुदरी बाजार,थाना चौक, रामबालक चौक, पासवान चौक आदि पर भव्य पंडाल और प्रतिमाओं के दर्शन.
सिनेमा रोड स्थित बंगाली अखाड़ा में बंगाली संस्कृति के अनुसार ढाक की आवाज पर आरती एवं पूजन.
कोनहारा घाट एवं मसजिद चौक पर पारंपरिक प्रतिमा दर्शन, जो बहंगी पर बनी है.
गायत्री परिवार द्वारा दिग्धी स्थित शक्ति पीठ एवं गोशाल परिसर में विशेष अनुष्ठान.
देवी-मंदिरों पर अष्टमी व नवमी को कन्या पूजन.
कई आयोजन नहीं होने से श्रद्धालु हैं निराश : इस बार संस्कृत कॉलेज परिसर में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले मेले को स्थगित कर दिया गया है, जिससे सभी वर्ग के श्रद्धालु और मेला के व्यवसायी निराश हैं. ऐसा चुनाव को लेकर किया गया है. रेलवे स्टेशन परिसर में 70 वर्ष से आयोजित होने वाली पूजा को डीआरएम के कारण स्थगित कर दिया गया है,
जिससे रेलवे कर्मी और स्थानीय श्रद्धालुओं ने निराशा व्यक्त की.इस बार कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी नहीं किया गया है. हालांकि मठ-मंदिरों व अवासीय पसिरों में भजन कीर्तन का आयोजन किया है. कोनहारा घाट बड़ी दुर्गा पूजा समिति द्वारा डेढ़ दो दशक पहले तक भव्य आयोजन किये जाते रहे हैं, जिसमें कथक नृत्यांगन सितारा देवी, पं जसराज सहित हिंदुस्तान बड़े कलाकार शामिल होते थे. लेकिन अब यह परंपरा भी बंद है.