पटाखों की धूम से ही मनती है दीवाली

हाजीपुर. पटाखों की धूम-धाम जब तक न हो दीवाली का पूरा आनंद नहीं मिलता. दीपावली में पटाखे छोड़ने का विशेष प्रचलन है. युवा व बच्चे इसे लेकर विशेष रूप से उत्साहित रहते है. इसका जुनून ऐसा होता है कि वे अपने पर नियंत्रण नहीं रख पाते और शुरू हो जाती है बमों की धूम-धड़ाम, चिटपटियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2013 9:51 PM

हाजीपुर. पटाखों की धूम-धाम जब तक न हो दीवाली का पूरा आनंद नहीं मिलता. दीपावली में पटाखे छोड़ने का विशेष प्रचलन है. युवा व बच्चे इसे लेकर विशेष रूप से उत्साहित रहते है. इसका जुनून ऐसा होता है कि वे अपने पर नियंत्रण नहीं रख पाते और शुरू हो जाती है बमों की धूम-धड़ाम, चिटपटियों की चिट-पिट और राकेटों की सरसराहट. नगर में पटाखों की कई आकर्षक स्थायी और अस्थायी दुकानें सजायी गयी हैं, जहां विभिन्न प्रकार के पटाखे मिल रहे हैं. मोदी नाम के पटाखे बच्चों के बीच आकर्षण का केंद्र बने है. वहीं कुछ लोग इसे केवल पैसों की बरबादी मानते हैं. बाजार में महंगाई का साफ असर दिख रहा है, बावजूद लोग पटाखों की खरीदारी कर रहे हैं. विगत वर्ष की अपेक्षा पटाखों की कीमतों में 50-60 फीसदी की वृद्धि हुई है. वैसे मूल्य का क ोई निर्धारण नहीं है, जिससे ग्राहकों को परेशानी हो रही है. राकेट प्रति डब्बा 150 से 250, साधारण बम 90 से 200, चकरी 35 से 120, फूलझड़ी 40 से 75, चिटपुटिया 40 से 60 रुपये तक बिक रही है. फुटकर विक्रेताओं को लेकर थोक विक्रेता का कहना है कि थोक में पटाखों दाम काफी कम है. फुटकर विक्रेता ही ग्राहकों को लूट रहे हैं. वहीं पटाखों को लेकर सावधानी बरतने की विशेष आवश्यकता है. विशेषकर छोटे बच्चों को सावधान रहना चाहिए. एक छोटी सी चूक त्योहार के आनंद में खलल डाल सकती है. वैसे पहले से इसकी बनावट में काफी परिवर्तन हुए, जो सुरक्षित होते है, फिर सावधान रहने और बच्चों को सावधान रखना आवश्यक है.

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