तीन घंटें तक तड़पता रहा अज्ञात घायल
हाजीपुर : गोरौल थाना क्षेत्र के गर्दनिया चौक के समीप अज्ञात वाहन से धक्का लगने से जिंदगी और मौत से जूझ रहे एक गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को सदर अस्पताल में कोई देखने वाला नहीं था. शुक्रवार को गर्दनिया चौक के समीप बाइक से आ रहा करीब 40 वर्ष का अज्ञात व्यक्ति अज्ञात वाहन […]
हाजीपुर : गोरौल थाना क्षेत्र के गर्दनिया चौक के समीप अज्ञात वाहन से धक्का लगने से जिंदगी और मौत से जूझ रहे एक गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को सदर अस्पताल में कोई देखने वाला नहीं था. शुक्रवार को गर्दनिया चौक के समीप बाइक से आ रहा करीब 40 वर्ष का अज्ञात व्यक्ति अज्ञात वाहन से धक्का लगने से घायल हो गया था.
इसकी सूचना लोगों ने गोरौल पुलिस को दी. गोरौल पुलिस ने उसे सदर अस्पताल लाकर भरती करा दिया और चलते बने. घायल अज्ञात व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के बाद उसकी हालत की गंभीरता को देख कर डाक्टरों ने उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया. मगर रेफर के बाद भी वह व्यक्ति तीन घटों से अधिक समय तक सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तड़पता हुआ लावारिस पड़ा रहा. उसकी हालत और गंभीर हो रही थी. उसके मुंह से लगातार खून निकल रहा था, लेकिन उसे देखनेवाला कोई नहीं था.
सदर अस्पताल के डॉक्टर और कर्मी ने रेफर कर अपनी जिम्मेवारी पूरी कर ली थी. कई लोगों के कहने के बावजूद कोई भी स्वास्थ्य कर्मी उसकी ओर ताकने तक नहीं गया. वहीं उसकी हालत गंभीर देख अस्पताल कर्मचारियों से जब पूछा गया, तो उन्होंनेे बताया कि सदर अस्पताल में कोई एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है. नंबर 1099 सरकारी एंबुलेंस हड़ताल पर है और नंबर 108 अलग कहीं गया हुआ है. इस तरह लगभग तीन घंटे से अधिक समय तक घायल व्यक्ति तड़पता रहा,
लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा भावना और कर्तव्य निष्ठा मरती हुई दिखी. इस प्रतिनिधि और कई अन्य लोगों के हो-हंगामे के बाद 108 नंबर का एंबुलेंस आने पर उस व्यक्ति को पटना भेजा जा सका. लोगों का कहना था कि जब जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल का यह हाल है, जहां सभी आला अधिकारी से लेकर सिविल सर्जन तक रहते हैं, तो जिले के पीएचसी और एपीएचसी का क्या हाल होगा, भगवान ही मालिक है.