गुजरात में बंधक बने मजदूरों के परिजनों से अब तक नहीं मिल सके अधिकारी
पटेढ़ी बेलसर : बेलसर ओपी के उफरौल एवं मौना महादलित टोले के गुजरात में बंधक बने छह मजदूरों के परिजनों में अनहोनी की आशंका को लेकर खौफ है. वहां से जान बचा कर भागे मजदूरों की आपबीती सुन कर परिवारवाले सहमे हुए है. परिवारवाले फंसे लोगों को गुजरात से घर लाने को लेकर अभी तक […]
पटेढ़ी बेलसर : बेलसर ओपी के उफरौल एवं मौना महादलित टोले के गुजरात में बंधक बने छह मजदूरों के परिजनों में अनहोनी की आशंका को लेकर खौफ है. वहां से जान बचा कर भागे मजदूरों की आपबीती सुन कर परिवारवाले सहमे हुए है. परिवारवाले फंसे लोगों को गुजरात से घर लाने को लेकर अभी तक प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई लगाने का गुहार भी नहीं लगा पा रहे है,
क्योंकि उन्हें डर कि स्थानीय स्तर पर आवेदन देने से कहीं बंधक बने मजदूरों पर कोई आफत न आ जाये. गुजरात से किसी तरह भाग कर घर लौटे मजदूर उमेश मांझी, डोमन मांझी, मनोज मांझी, नवल मांझी ने बताया कि वहां पर मजदूरों से दिन-रात काम लिया जाता था. एक समय का भोजन दिया जाता था.
पोखर का पानी पीने को मिलता था. बंधक बने कृष्णा मांझी के पिता शंकर मांझी ने बताया कि कई बार वह पुत्र से बात करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पा रही है. हमलोग अनहोनी की आशंका से सहमे हुए हैं. वहीं रविवार तक प्रशासन के
द्वारा पीड़ित परिवारों की कोई सुध नहीं ली गयी है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश भी है.