वैशाली में ताबड़तोड़ छापेमारी बृजनाथी हत्याकांड

हाजीपुर : लोजपा नेता बृजनाथी सिंह की हत्या शार्प शूटरों ने की है. इस केस के नामजद आरोपितों का हत्याकांड में हाथ है या नहीं इसकी तफतीश जारी है. इसके अलावा पूरे मामले के मास्टरमाइंड पर पुलिस की छानबीन चल रही है. वह सभी अपराधी पुलिस के रडार पर हैं, जिनका अब तक एके-47 से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2016 5:09 AM

हाजीपुर : लोजपा नेता बृजनाथी सिंह की हत्या शार्प शूटरों ने की है. इस केस के नामजद आरोपितों का हत्याकांड में हाथ है या नहीं इसकी तफतीश जारी है. इसके अलावा पूरे मामले के मास्टरमाइंड पर पुलिस की छानबीन चल रही है. वह सभी अपराधी पुलिस के रडार पर हैं, जिनका अब तक एके-47 से मर्डर करनेवालों में नाम शामिल है. सोमवार काे पूरे दिन पड़ताल और छापेमारी की कार्रवाई चलती रही. डीआइजी शालीन और ग्रामीण एसपी एलएम प्रसाद फतुहा थाने पर दिन भर जमे रहे, उधर वैशाली के दियारे में ताबड़तोड़ छापेमारी चलती रही.

मर्डर के असले साजिश रचने वाले की तलाश : इस मर्डर केस में असली किरदार किसने निभाया है, इस पर अनुसंधान किया जा रहा है. अब तक जो नाम सामने आये हैं, वे आपराधिक छवि के जरूर हैं, लेकिन एके-47 से हत्या करनेवालों में इनका नाम अब तक नहीं आया है. इससे संदेह है कि हत्या सुपारी किलर से करायी गयी है और साजिश रचने में कोई बड़ा चेहरा शामिल है. जिस तरह से डीआइजी और एसपी ग्रामीण फतुहा थाने पहुंच कर इस केस का रिव्यू किये हैं, उससे कोई अहम सुराग हाथ लगने की बात भी कही जा रही है. हालांकि डीआइजी शालीन ने किसी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है. उन्होंने बताया है कि वैशाली में अलग-अलग पुलिस टीम छापेमारी कर रही है. दियारे के इलाकों को खंगाला जा रहा है. कुछ लाेग हिरासत में लिये गये हैं, लेकिन पुलिस की कार्रवाई ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है.
अप्रैल में होना है प्रखंड प्रमुख का चुनाव : दरअसल यह मर्डर केस राजनीतिक रंजिश का परिणाम माना जा रहा है, जो चार नामजद आरोपित इस केस में शामिल हैं, उसमें सुबोध राय को बृजनाथी सिंह के परिवार का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है. पिछले चुनाव में बृजनाथी सिंह के भाई की पत्नी मुन्नी सिंह ने सुबोध की पत्नी को हराया था. इससे यह माना जा रहा है कि इस बार अप्रैल में होनेवाले प्रखंड चुनाव से पहले बृजनाथी सिंह की हत्या कर विराधियों ने प्रभावशाली व दबंग चेहरे को रास्ते से हटा दिया है. क्योंकि, बृजनाथी सिंह का राघोपुर में काफी प्रभाव था. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह खुद मुखिया रहे और अपनी भाई की पत्नी को प्रमुख बनाया था.

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