यात्री शेड में चल रहा गंगाब्रिज थाना, तो पंचायत भवन में है बेलसर ओपी
जवानों को होती है परेशानी हाजीपुर : जब पुलिस थाने ही हो बेहाल, तो कानून व्यवस्था कैसे हो बहाल. जिले में बढ़ते अपराध को लेकर चल रही चर्चा में जब एक पुलिस अधिकारी ने यह सवाल दागा, तो बातचीत में शामिल कई लोगों ने हामी भरते हुए कहा कि हां, इस बात मैं दम है. […]
जवानों को होती है परेशानी
हाजीपुर : जब पुलिस थाने ही हो बेहाल, तो कानून व्यवस्था कैसे हो बहाल. जिले में बढ़ते अपराध को लेकर चल रही चर्चा में जब एक पुलिस अधिकारी ने यह सवाल दागा, तो बातचीत में शामिल कई लोगों ने हामी भरते हुए कहा कि हां, इस बात मैं दम है. एक जर्जर भवन में चल रहे थाने में पदस्थापित पुलिस अधिकारी ने बताया कि किस तरह से प्रतिकूल स्थितियों में पुलिसकर्मियों को काम करना पड़ रहा है. जिले के विभिन्न थानों में कार्यरत सैकड़ों पुलिसकर्मियों की पीड़ा यह है
कि थाने में उन्हें बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है. जिले में कई थानों को अपना भवन भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे थाने कहीं किराये के छोटे से मकान में तो कहीं जर्जर भवन में चलाये जा रहे हैं. जिले की विधि व्यवस्था को लेकर इन दिनों फिर सवाल उठने लगे हैं. नये साल में 40 दिनों के अंदर कई हत्या, लूट और चोरी की वारदातों ने पुलिस के प्रति लोगों की नाराजगी बढ़ा दी है. लेकिन, अपराध पर लगाम लगाने और अपराधियों से लोहा लेने में पुलिस की साधनहीनता पर सवाल नहीं उठते.
जिले के 21 थानों में अधिकांश की हालत बदतर : वैशाली जिले के थानों की हालत यह है कि कई थानों में पुलिस के हथियार और पकड़े गये अपराधियों को भी सुरक्षित रखना मुश्किल है. थाने में प्रभारी कक्ष और पुलिस कर्मियों के लिए कमरे का अभाव तो है ही, मालखाना और हाजत की व्यवस्था भी ठीक नहीं है. जिले में कुल 21 थाने हैं. हाजीपुर में नगर और सदर थाने के अलावा महिला थाना और अनुसूचित जाति,जनजाति थाना भी स्थापित है. जिले में ओपी की संख्या छह है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि
अधिकतर थानों में बिजली,पानी, आवास जैसी मूलभूत सुविधाओं की भी कमी है. कहीं शौचालय की व्यवस्था तो कहीं चहारदीवारी का अभाव है. इसके बिना कभी-कभी उग्र भीड़ के सामने थाने की सुरक्षा पर ही आफत आ जाती है. सराय थाने में आगजनी की घटना आज भी जिलावासियों के जेहन में है. गश्ती और अपराध नियत्रंण के लिए वाहनों का भी अभाव बताया जाता है.
कभी ध्वस्त हो सकते हैं कई थानों के भवन : अभी चंद रोज पहले राजापाकर थाना क्षेत्र के बरांटी ओपी के जर्जर भवन की दीवार भरभरा कर गिर गयी. रात के समय जब यह दीवार गिरी, उस वक्त पुलिसकर्मी भवन में ही सोये थे. संयोग अच्छा था कि इस घटना में सभी बाल-बाल बच गये. मालूम हो कि लंबे समय से यह ओपी किराये के मकान में चल रहा है, जो जीर्ण-शीर्ण हो चुका है. जिले के कई थाने ऐसे हैं, जिनके भवन क्षतिग्रस्त हैं और वहां कभी बरांटी ओपी जैसा हादसा हो सकता है.
सराय और भगवानपुर थाने एनएच 77 पर स्थित हैं और जिले के महत्वपूर्ण थानों में इनका गिनती होती है. किराये के भवन में चलने वाले ये दोनों थाने बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे हैं. यहां तैनात पुलिस बल भारी परेशानियों के बीच अपनी ड्यूटी करते हैं. जिले के राघोपुर, जुड़ावनपुर थाने एवं रूस्तमपुर ओपी बाढ़ की समस्या से प्रभावित होते हैं. इसी तरह जिले के राजापाकर, बिदुपुर, देसरी, तिसिऔता, बलिगांव एवं नगर के औद्योगिक क्षेत्र थाने को भी जर्जर भवन ही नसीब है. सदर पुलिस निरीक्षक कार्यालय भी पूरी तरह जर्जर हो चुका है.
पंचायत भवन में बेलसर ओपी और लेबर शेड में गंगाब्रिज थाना : जिले का बेलसर ओपी पंचायत भवन में चल रहा है. बुनियादी सुविधाओं की कमी तो है ही, यहां कायदे से प्रभारी कक्ष भी नहीं है. चहारदीवारी नहीं होने के कारण बेलसर पुलिस को कई बार सीधे-सीधे उग्र भीड़ का सामना करना पड़ा है. गंगाब्रिज थाने की स्थिति भी बदतर है. यह थाना जब से बना, तब से आज तक मजदूरों के लिए बने रूम में ही चल रहा है. गांधी सेतु निर्माण के लिए मजदूरों के रहने के लिए जो छोटा-सा भवन बनाया गया था, उसी में थाने को स्थापित किया गया. आज तक उसी में चल रहा है.