लापरवाही. जिले के दियारा क्षेत्र राघोपुर में सबसे ज्यादा 705 सरकारी चापाकल हैं खराब
पांच हजार से अधिक चापाकल ठप गरमी की धमक शुरू होते ही लोग-बाग पानी की समस्या को लेकर चिंतित होने लगे हैं. शहर से गांव तक पेयजल का संकट बना हुआ है. बंद पड़ी जलापूर्ति योजनाएं और खराब पड़े चापाकल चिंता का कारण बने हुए हैं. जिले के किसी भी प्रखंड में पीने के पानी […]
पांच हजार से अधिक चापाकल ठप
गरमी की धमक शुरू होते ही लोग-बाग पानी की समस्या को लेकर चिंतित होने लगे हैं. शहर से गांव तक पेयजल का संकट बना हुआ है. बंद पड़ी जलापूर्ति योजनाएं और खराब पड़े चापाकल चिंता का कारण बने हुए हैं. जिले के किसी भी प्रखंड में पीने के पानी का मुकम्मल इंतजाम नहीं है. बड़ी तादाद में चापाकल खराब हैं, जिसकी चिंता किसी को नहीं है.
हाजीपुर : लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग जिलावासियों को अब तक पेयजल की समस्या से निजात नहीं दिला पाया है. निर्मल घोषित हो चुकी पंचायतों में भी पानी का संकट बना हुआ है. आदर्श प्रखंड सहदेई बुजुर्ग का हाल यह है कि वहां पीएचइडी के सवा दो सौ चापाकल खराब पड़े है. जिले के सभी प्रखंडों को मिला कर पांच हजार से ज्यादा चापाकल खराब पड़े हैं. यदि इन्हें चालू कर दिया जाये, तो हजारों लोगों की समस्या दूर हो सकती है.
पीएचइडी का कहना है कि सभी प्रखंडों में बंद पड़े चापाकलों की मरम्मत के लिए टीम बनायी गयी है. खराब चापाकल जल्दी ही ठीक कर लिये जायेंगे. विभाग के दावे पर गौर करें तो यह हकीकत से मेल नहीं खाते. विभाग के पास इसके लिए पर्याप्त हैंड्स नहीं हैं. मिस्त्रियों के अभाव में विभाग इस काम को पूरा कैसे करेगा, यह समझना मुश्किल है.
गरमी बढ़ते ही गहराने लगता है संकट : जैसे-जैसे गरमी बढ़ती है, पानी का संकट गहरा हो जाता है. इसका सबसे बड़ा कारण भूमिगत जल स्तर का नीचे चला जाना है. ऐसे में चापाकल भी जवाब देने लगते हैं. इस मौसम में गंगा और गंडक के किनारे बसे हुए इलाकों में पेयजल की सबसे ज्यादा किल्लत हो जाती है. भूगर्भ जल स्तर के सूखने का खामियाजा इन क्षेत्रों के लोगों को सबसे ज्यादा भुगतना पड़ता है. पीने के पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. ऐसे में अधिकतर चापाकल सूखने लगे हैं. वहीं इसमें खराब चापाकलों की संख्या भी ज्यादा हो गयी है.
कहां कितने खराब हैं चापाकल
राघोपुर 705
पातेपुर 580
जंदाहा 286
राजापाकर 225
गोरौल 174
देसरी 102
भगवानपुर 80
बिदुपुर 649
सदर प्रखंड 445
पटेढ़ी बेलसर 235
सहदेई बुजुर्ग 211
महनार 116
चेहराकलां 98
क्या कहते हैं अधिकारी
जिले में जहां भी सरकारी चापाकल खराब पड़े हैं, उन सभी को चालू कराया जायेगा. चापाकलों की
मरम्मत के लिए पैसे की कमी नहीं है. इस दिशा में जल्द ही काम शुरू हो जायेगा. खराब चापाकलों की मरम्मति के लिए अभियान की तैयारी की जा रही है.
इ रामचंद्र प्रसाद, कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी