19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

परेशानी. पेयजल की समस्या लोगों के जले पर नमक छिड़कने जैसी

जिले में पेयजल संकट शुरू इस साल की गरमी में भी यह संकट दूर होता नहीं दिख रहा जिले के लाखों लोगों के सामने पीने के पानी का संकट है. इस साल की गरमी में भी यह संकट दूर होता नहीं दिख रहा है. जाहिर है कि गरमी के मौसम में पानी की खपत ज्यादा […]

जिले में पेयजल संकट शुरू

इस साल की गरमी में भी यह संकट दूर होता नहीं दिख रहा
जिले के लाखों लोगों के सामने पीने के पानी का संकट है. इस साल की गरमी में भी यह संकट दूर होता नहीं दिख रहा है. जाहिर है कि गरमी के मौसम में पानी की खपत ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे में पेयजल की समस्या लोगों के जले पर नमक छिड़कने लगती है. उम्मीद है कि विभाग लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने में तत्परता दिखायेगा.
हाजीपुर : जब मार्च महीने में यह हाल है तो मई-जून में क्या होगा. जिले के लोगों को यह चिंता सताने लगी है, क्योंकि उनके घरों के चापाकल भी जवाब देने लगे हैं. आसार ऐसे दिख रहे हैं कि पानी के लिए हाहाकार मचने वाला है. जैसे-जैसे गरमी की धमक बढ़ रही है, लोगों की प्यास भी बढ़ रही है. इसी के साथ पानी की समस्या को लेकर आम आदमी का असंतोष भी बढ़ने लगा है. जिले के लाखों लोगों के सामने पीने के पानी का संकट है. इस साल भी यह संकट दूर होता नहीं दिख रहा है.
गरमी में बढ़ जाती है पानी की खपत : इस मौसम में पानी की खपत बढ़ जाती है. ऐसे में पेयजल की समस्या लोगों के जले पर नमक छिड़कने लगती है. उम्मीद थी कि लोक स्वास्थ अभियंत्रण विभाग जिले में बंद पड़ी जलापूर्ति योजनाओं को चालू करने और लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने में तत्परता दिखायेगा, लेकिन विभाग की उदासीनता और धीमी गति से आम जन की दुर्गती दिख रही है. आवश्यकता के अनुरूप नयी जलापूर्ति योजनाओं की बात तो दूर, जिले में पहले से जलापूर्ति के जो साधन और स्रोत हैं, विभाग उन्हें भी सुचारु बनाये रखने में नाकाम रहा है.
मेंटेनेंस के अभाव में कई जगहों पर पानी बंद : जिले के गंगा तटीय इलाके में बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना के नाम पर पुराने जलापूर्ति केंद्रों का मेंटेनेंस भी बंद हो गया है.
इसके चलते कई प्रखंडों में पानी की सप्लाइ बंद है. जिले के चार प्रखंडों हाजीपुर, बिदुपुर, सहदेई बुजुर्ग और देसरी के जलापूर्ति केंद्रों से लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. इन केंद्रों के 80 प्रतिशत पाइप क्षतिग्रस्त हैं. बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना, जिसके तहत गंगा का पानी साफ कर लगभग 80 गांवों को आर्सेनिक मुक्त पानी उपलब्ध कराना है. इसी योजना से पानी सप्लाइ के नाम पर इन क्षेत्रों में पहले से बने जलापूर्ति केंद्रों का मेंटेनेंस पांच साल पहले ही बंद कर दिया गया. 2011 के अंत तक पूरी होने वाली योजना 2016 में भी अधूरी है.
जगह-जगह फूटे हैं पाइप, पानी पहुंचे तो कैसे
शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों तक सैंकड़ों जगह पानी सप्लाइ के लिए बिछे पाइप फूटे पड़े हैं. इसका नतीजा है कि पीने का पानी यूं ही बरबाद हो रहा है. लेकिन लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत जलापूर्ति केंद्रों से पानी सप्लाइ की व्यवस्था की गयी थी. केंद्र से गांव और टोले के लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछायी गयी, लेकिन पीवीसी पाइप ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाये. लगभग सभी केंद्रों के पाइप क्षतिग्रस्त होते चले गये.
सड़क निर्माण में क्षतिग्रस्त पाइप जस-के-तस
हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच-77 के चौड़ीकरण में अनेक जगहों पर पाइप के क्षतिग्रस्त हो जाने से कई जलापूर्ति योजनाएं वर्षों से बंद हैं. जिले के सराय, भगवानपुर, गोरौल आदि जलापूर्ति केंद्रों से पानी का सप्लाइ पिछले पांच वर्षों से बाधित है. सदर प्रखंड के दिग्घी स्थित जलापूर्ति केंद्र का पाइप भी सड़क चौड़ीकरण में क्षतिग्रस्त हो चुका है.
शहरी क्षेत्र की बात करें तो यहां भी दो दर्जन से अधिक जगहों पर पानी सप्लाइ के पाइप फूटे पड़े हैं. क्षतिग्रस्त पाइपों को बदलने या इनकी मरम्मत को लेकर भी विभाग गंभीर नहीं है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें