विप में उठाया इंटर कॉलेज के शिक्षकों का मामला

बिहार इंटरमीडिएट शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी संघ की कार्यकारिणी की बैठक आयोजित शहर के नया टोला स्थित संघ कार्यालय में बिहार इंटरमीडिएट शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी संघ की कार्यकारिणी बैठक हुई. इसमें सदस्यों ने कहा कि विधान परिषद सदस्य प्रो डॉ संजय कुमार सिंह वित्तरहित कर्मियों के सच्चे नेता हैं, जिनके द्वारा वित्तरहित कर्मियों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2016 3:44 AM

बिहार इंटरमीडिएट शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी संघ की कार्यकारिणी की बैठक आयोजित

शहर के नया टोला स्थित संघ कार्यालय में बिहार इंटरमीडिएट शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी संघ की कार्यकारिणी बैठक हुई. इसमें सदस्यों ने कहा कि विधान परिषद सदस्य प्रो डॉ संजय कुमार सिंह वित्तरहित कर्मियों के सच्चे नेता हैं, जिनके द्वारा वित्तरहित कर्मियों की मांगों को सदन में लगातार उठाये जा रहे हैं. इनके नेतृत्व में वित्तरहित कर्मचारियों का कल्याण होगा.
हाजीपुर : शहर के नया टोला स्थित संघ कार्यालय में बिहार इंटरमीडिएट शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ की कार्यकारणी बैठक अमरेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई.
संचालन जिला संयोजक प्रशांत कुमार ने किया. इसमें सदस्यों ने कहा कि विधान परिषद सदस्य प्रो डॉ संजय कुमार सिंह वित्तरहित कर्मियों के सच्चे नेता हैं, जिनके द्वारा वित्तरहित कर्मियों की मांगों को सदन में लगातार उठाये जा रहे हैं. इनके नेतृत्व में वित्तरहित कर्मचारियों का कल्याण होगा. सदस्यों ने कहा कि एक अप्रैल 2016 को पार्षद ने गैर सरकारी संकल्प द्वारा विधान परिषद में वित्तरहित उच्च विद्यालयों, इंटर कॉलेजों एवं डिग्री कॉलेजों का अधिग्रहण करने,
बाधा होने पर वेतनमान देने तथा घाटानुदान कोटि में लाने के लिए प्रश्न उठाकर सरकार के शिक्षा मंत्री से कहा कि इन संस्थानों के पास भरपूर भूमि, पुस्तकालय, प्रयोगशाला तथा अनुभवी योग्य शिक्षक हैं. सरकार को 2939 नये संस्थान खोलने हैं, जिसमें भूखंड एवं शिक्षकों की जरूरत होगी. सरकार वित्तरहित संस्थानों का अधिग्रहण या घाटानुदान देकर इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपने अधीन कर आधे से अधिक लक्ष्य की पूर्ति कर सकती है. सदन में पार्षद ने वेतन देने की व्यवस्था पर भी सुझाव दिया. प्रश्न के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है, जिससे वेतन दिया जा सके.
साथ ही उन्होंने कहा कि परिषद सदस्य द्वारा उठाया गया प्रश्न विचारनीय है तथा नीतिगत फैसला पर निर्भर है. सरकार इन गंभीर प्रश्नों के समाधान पर विचार करेगी. आज की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से मांग की गयी कि वित्तरहित माध्यमिक इंटर कॉलेज एवं डिग्री कॉलेजों के अधिग्रहण की दिशा में पहल कर वर्षो से पीड़ित कर्मियों को निजात दिया जाये. दूसरे प्रस्ताव द्वारा सरकार से 2012 से 2015 तक लंबित अनुदान का एकमुश्त कर्मियों के खाते में भुगतान करने की मांग की गई तथा कहा गया कि अभी तक मात्र 50 लाख ही अधिकतम राशि दी जाती है.
जबकि कॉलेजों का बकाया संकल्प के अनुसार ज्यादा है. बैठक के तीसरे प्रस्ताव द्वारा निर्णय लिया गया कि सरकार आगामी सत्र तक अधिग्रहण अथवा घाटानुदान की घोषणा शीघ्र करें तथा सेवा शर्त अविलंब लागू करें अन्यथा संघ आंदोलन करने के लिए विवश होगा. बैठक में रंधीर कुमार, अवधेश कुमार सिंह, सुनील कुमार, दिनेश कुमार, जियाउद्दीन अहमद, राम प्रवेश राय, शिवजी राय, प्रमोद कुमार, अमोद कुमार, मृदुला शर्मा, मनोज कुमार, उमेश कुमार, सुबोध कुमार सिन्हा आदि पचास से अधिक शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे.

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