रखें सावधानी. थोड़ी-सी लापरवाही से खुशनुमा माहौल पर आ सकती है आफत, हो सकते है ं घर तबाह
शादी में पटाखा छोड़ना पड़ सकता है भारी पटाखे से उड़ी एक ही चिनगारी से हो सकती है बस्ती-की-बस्ती खाक पिछले साल हुईं थीं कई दुर्घटनाएं लग्न की शुरुआत होते ही फिजाओं में मंगल गीत और शहनाइयों की आवाजें माहौल में मिठास घोल रही हैं. इन सब के बीच लोगों के मन में एक आशंका […]
शादी में पटाखा छोड़ना पड़ सकता है भारी
पटाखे से उड़ी एक ही चिनगारी से हो सकती है बस्ती-की-बस्ती खाक
पिछले साल हुईं थीं कई दुर्घटनाएं
लग्न की शुरुआत होते ही फिजाओं में मंगल गीत और शहनाइयों की आवाजें माहौल में मिठास घोल रही हैं. इन सब के बीच लोगों के मन में एक आशंका और डर भी समाया हुआ है कि इस मौके पर होनेवाली आतिशबाजी थोड़ी-सी लापरवाही से भारी न पड़ जाये. एक छोटी-सी चिनगारी से देखते-ही-देखते आबाद बस्तियों के खाक में मिल जाने का मंजर सामने आ सकता है.
हाजीपुर : लग्न की शुरुआत होते ही फिजाओं में मंगल गीत गूंजने लगे हैं. मांगलिक कार्यक्रमों की धूम शुरू हो गयी है. शादी-विवाह के उत्सवों से शहर और गांव गुलजार होने लगे हैं. शहनाइयों की आवाजें माहौल में मिठास घोल रही हैं. इन सब के बीच लोगों के मन में एक आशंका और डर भी समाया हुआ है. यह डर और आशंका शादी-विवाह के मौके पर होनेवाली आतिशबाजी को लेकर है.
वैशाली जिले में पिछले एक महीने से भी अधिक समय से आग कहर बरपा रही है. एक छोटी-सी चिनगारी से देखते-ही-देखते आबाद बस्तियों के खाक में मिल जाने का मंजर जिन लोगों ने भी अपनी आंखों से देखा है, उनका यह डर स्वाभाविक है. सुकून की बात है कि अभी दो दिनों में जिले में अगलगी की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. आग की प्रचंडता थमी जरूर है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि अग्नि की विनाशलीला समाप्त हो गयी है. इसलिए थोड़ी भी असावधानी या लापरवाही से किसी भयानक अग्निकांड की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.
दिखाएं समझदारी, पटाखों से करें परहेज : शादी-विवाह के मौके पर गांव-मुहल्ले की खुशियां मातम में न बदलें, इसके लिए शौक की जगह समझदारी दिखाने की जरूरत है. जागरूक लोगों का कहना है कि जिले में अगलगी की घटनाओं को देखते हुए आदमी को सतर्क होना पड़ेगा. बरात के मौके पर पटाखों की धूम-धड़ाम के बीच न जाने कौन-सी चिनगारी कहां आग की ज्वाला भड़का दे, यह कोई भी नहीं जानता. इसलिए लोगों का कहना है कि शादी विवाह में आतिशबाजी का शौक रखनेवाले लोग, खासकर युवा अगर समझदारी दिखाएं और पटाखों से परहेज करें, तो ज्यादा बेहतर होगा.
पिछली घटनाओं से लें सबक, बरतें सावधानी : आपकी थोड़ी-सी असावधानी सैकड़ों आशियानों को मिनटों में खाक कर सकती है. बीते वर्षों में जिले के अंदर कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जब शादी के मौके पर दरवाजा लगाने के दौरान बरातियों की लापरवाही के कारण आग लगी और घर-के-घर स्वाहा हो गये.
अक्सर देखा जाता है कि बरात में शामिल लोग छोटी-छोटी चीजों के प्रति बेपरवाह रहते हैं. रिहाइशी बस्तियों से गुजरते हुए जहां-तहां पटाखे फोड़ने या बीड़ी, सिगरेट के जलते हुए टुकड़े फेंक देने के कारण अगलगी की घटना हो जाती है. जानकारों का कहना है कि इन मामलों में सतर्कता बरतने की जरूरत है. लोगों को पिछली घटनाओं से सबक लेने और सावधान होने की जरूरत है ताकि खुशी के मौके पर किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके.
शराब के पैसे पटाखों पर होंगे खर्च : शादी-विवाह के अवसर पर बरात में शराब और आतिशबाजी पर जी खोल कर खर्च करने की परिपाटी वर्षों से चली आ रही हैं. इसे शान-शौकत के साथ जोड़ दिया गया है. हैसियत और रसूख के मुताबिक, इसके लिए बजाप्ता बजट बनाये जाते हैं.
शराब पर पूर्ण पाबंदी के बाद बारातियों के लिए अब शराब तो मिलने से रही, लेकिन वर पक्षवाले शराब की राशि को आतिशबाजी और पटाखों की धूम-धड़ाम पर ही खर्च करेंगे, इसकी संभावना बढ़ गयी है. नगर के एक मुहल्ले में विवाह करने जा रहे दूल्हे के बड़े भाई को यह कहते सुना गया कि शराब में जो पैसा खर्च होता, उसको आतिशबाजी में लगायेंगे, तो शोभा भी बढ़ेगी.