ऐतिहासिक ताजबाज पोखरे का सौंदर्यीकरण कार्य शुरू

शहर की ऐतिहासिक विरासत का गवाह यह विशाल पोखर कट्ठों में नहीं बीघों में फैला है. इसकी दुर्दशा देख नगरवासियों को रोना आता है. पर्यटन स्थल के रूप में इसके विकास की जो असीम संभावनाएं हैं, वह शासन-प्रशासन की उदासीनता और बेरुखी के कारण अब तक आकार नहीं ले सकी. अब जब इस पर ध्यान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 1, 2016 9:00 AM
शहर की ऐतिहासिक विरासत का गवाह यह विशाल पोखर कट्ठों में नहीं बीघों में फैला है. इसकी दुर्दशा देख नगरवासियों को रोना आता है. पर्यटन स्थल के रूप में इसके विकास की जो असीम संभावनाएं हैं, वह शासन-प्रशासन की उदासीनता और बेरुखी के कारण अब तक आकार नहीं ले सकी. अब जब इस पर ध्यान गया है, तो इसकी सूरत संवारने की कवायद भी शुरू हो गयी है.
हाजीपुर : शहर के ऐतिहासिक ताज खां पोखर के सौंदर्यीकरण का काम आगे बढ़ चला है. वह दिन दूर नहीं जब नगरवासियों को यहां एक खूबसूरत नजारा देखने को मिलेगा. सौंदर्यीकरण के प्रथम चरण में शहरी विकास अभिकरण द्वारा कराये जा रहे कार्यों को देख नगरवासियों को यह यकीन हो चला है कि उनका कल्पना का चित्र अब साकार होनेवाला है.
अब साकार होनेवाला है सौंदर्यीकरण का सपना : बताते चलें कि हाजीपुर के लोगों को शहर के ऐतिहासिक ताज खां पोखर, जो ताजबाज पोखर के नाम से प्रचलित है के सौंदर्यीकरण का वर्षों से इंतजार है. शहर की ऐतिहासिक विरासत का गवाह यह विशाल पोखर कट्ठों में नहीं बीघों में फैला है. इसकी दुर्दशा देख नगरवासियों को रोना आता है. पर्यटन स्थल के रूप में इसके विकास की जो असीम संभावनाएं हैं, वह शासन-प्रशासन की उदासीनता और बेरुखी के कारण अब तक आकार नहीं ले सकी थी. अब जब इस पर ध्यान गया है, तो इसकी सूरत संवारने की कवायद भी शुरू हो गयी है.
पहले चरण में हो रहा सीढ़ी घाटों का निर्माण : ताज खां पोखर के सौंदर्यीकरण की योजना पूरी कब तक होगी, फिलहाल यह कहना मुश्किल है. लेकिन डुडा द्वारा पोखर के किनारे मिट्टी भराई और सीढ़ियों का निर्माण कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत डुडा को 50 लाख रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ था, जिससे लगभग सवा सौ मीटर में सीढ़ी समेत पक्के घाट का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.
50 लाख रुपये की मिली स्वीकृति : इसके अलावा उक्त योजना के तहत ही डुडा को और 50 लाख रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है. इस राशि से भी लगभग 100 मीटर में मिट्टी भराई और सीढ़ी निर्माण का काम शुरू होना है.
डुडा के कार्यपालक अभियंता के अंसारी ने बताया कि पहले चरण का काम एक महीने के अंदर पूरा हो जायेगा. दूसरे चरण के काम के लिए टेंडर फाइनल हो चुका है और एक माह के अंदर काम भी शुरू हो जायेगा.
पार्क से लेकर पैडल बोट तक की योजना : फूल-पौधों से सजे और रंग-बिरंगी रोशनी से नहाते पार्क, पैडल बोट से जल बिहार का आनंद, साथ में और भी कई खुशगवार चीजें. यही तसवीर खींची है नगर पर्षद ने ताज बाज पोखर के सौंदर्यीकरण को लेकर. शहरवासियों के मन में बसे इस ड्रीम प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने का जो वायदा नगर पर्षद ने किया है, इसे पूरा करने की चुनौती भी उसके सामने है. पोखर की चारों तरफ अतिक्रमण है. अतिक्रमण हटाये बिना सौंदर्यीकरण की योजना को मूर्त रूप देना मुश्किल है.
ऐतिहासिक धरोहर है यह विशाल पोखर : हाजीपुर शहर के गुदरी बाजार के पीछे एक विशाल पोखर जो सहसा आपका ध्यान खींचता है, उसके शांत पानी में हाजीपुर के हजारों साल के इतिहास की परतें जमी हुई है. ताज खां का बाग और ताज खां का पोखरा के नाम से मशहूर एक बड़ा बगीचा और विशाल पोखर 400 और 37 बिगहे के प्लॉट में फैला हुआ था. जानकारों का कहना है कि कभी हाजीपुर के शासक रहे ताज खां की रानी ने इसका निर्माण कराया था.
पोखर के नीचे सुरंग होने की है बात : बताया जाता है कि इसके भीतर जो सुरंग थी, वह हाजीपुर से पटना तक निकलती थी. तालाब के निकट ऊंचे टीले पर ताज खां के परिजनों के कई मजार मौजूद हैं. बदलते समय के साथ ताज खां का वह बाग कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो चुका है. लेकिन वह विशाल पोखर आज भी आबाद है, जो दिन-ब- दिन सिमटता व सिकुड़ता जा रहा है.

Next Article

Exit mobile version