हाजीपुर. हत्या के आरोप का 26 वर्षो से सामना कर रहे वरीय अधिवक्ता उमाशंकर सिंह बरी हो गये. वहीं, आठ अन्य सह अभियुक्त को दोषी पाया गया. उक्त निर्णय त्वरित न्यायालय द्वितीय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एएन उपाध्याय ने सत्र वाद संख्या 248/87 की सुनवाई के बाद दिया. विदित हो कि मुजफ्फरपुर-हाजीपुर रेलखंड के भगवानपुर स्टेशन के निकट अवस्थित गुमटी नंबर 32 के निकट भगवानपुर थाना क्षेत्र के रतनपुरा निवासी नवल किशोर चौधरी की हत्या नौ अक्तूबर, 1986 को कर दी गयी थी. मृतक के भाई शत्रुघA शास्त्री के बयान पर मुजफ्फरपुर रेल थाने में कांड दर्ज किया गया था. अपने बयान में सूचक ने कहा था कि घटना की तिथि को वह अपने भाई श्री चौधरी के साथ संध्या सात बजे रेलवे लाइन वाले रास्ते से लौट रहे थे. इसी दौरान गुमटी के निकट सभी आरोपितों ने मारपीट की. उमाशंकर सिंह ने बेंत से पीटते हुए आरोपितों को आदेश दिया कि गोली मार दो, तब अभियुक्त कामेश्वर सिंह ने गोली मार कर श्री चौधरी की हत्या कर दी. 26 वर्षो तक चली सुनवाई में साक्ष्य और दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायालय ने वरीय अधिवक्ता और मामले के नामजद अभियुक्त उमाशंकर सिंह को दोषमुक्त करार दिया. वहीं, अभियुक्त कामेश्वर सिंह को भादवि की धारा 302 एवं अन्य अभियुक्त सुनील कुमार सिंह, सुरेंद्र सिंह, उदय कुमार सिंह, राम बाबू सिंह, सच्चिदानंद सिंह समेत आठ को भादवि की धारा 302/149 के तहत दोषी करार दिया है. सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 18 जनवरी की तिथि निर्धारित की गयी है. अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक हरिहर सिंह के निर्देशन में अपर लोक अभियोजक राम जतन राय एवं सफाई पक्ष की ओर से अधिवक्ता अरुण कुमार ने पैरवी एवं बहस की.
आठ पर हत्या का दोष सिद्ध
हाजीपुर. हत्या के आरोप का 26 वर्षो से सामना कर रहे वरीय अधिवक्ता उमाशंकर सिंह बरी हो गये. वहीं, आठ अन्य सह अभियुक्त को दोषी पाया गया. उक्त निर्णय त्वरित न्यायालय द्वितीय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एएन उपाध्याय ने सत्र वाद संख्या 248/87 की सुनवाई के बाद दिया. विदित हो कि मुजफ्फरपुर-हाजीपुर रेलखंड […]
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